शनि की पीड़ा (Saturn Remedies)
जब भी किसी व्यक्ति को कार्यों या जीवन संबंधी परेशानी होती है, तो उसका ध्यान शनि ग्रह की ओर जाता है। फिर किसी विशेषज्ञ से परामर्श के बाद उसे शनि का उपाय करने के लिए कहा जाता है। ऐसे ही कुछ उपाय हैं। शनिवार को प्रात: तिल और उड़द दाल को पानी में मिलाकर यदि पीपल के वृक्ष को अर्पित किया जाए और शाम को तेल का दीपक जलाया जाए, तो जातक के जीवन में धन-धान्य बढ़ता है। शनि को प्रसन्न करने के लिए उनके निमित्त शनि स्तोत्र या वेदोक्त मंत्रों का जप करना भी अच्छा उपाय है। शनि से मिलने वाली व्याधियों को दूर करने के लिए नवार्ण मंत्र "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चे" और मृत्युंजय मंत्र "ॐ जूं स: मम पालय पालय स: जूं ॐ" के जप की उपयोगिता भी मानी गई है। शनि का दान भी लाभदायक माना गया है। यदि सवाये के मान यानी सवा-पाव, सवा-किलो या सवा पांच किलो तिल, तेल तथा लोहे का दान किया जाए, तो शनि की पीड़ा से लाभ होता है।
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