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Tree our Friends

मानव व वृक्षों के बीच गहरा संबंध है। वृक्षों के बिना धरती की कल्पना करना व्यर्थ है। आध्यात्मिक रूप से भी मानव के जीवन में वृक्षों का महत्व काफी अधिक है। कई वेदों-पुराणों में पौधारोपण करना धर्म सम्मत बताया गया है। भविष्य पुराण के अनुसार जो मनुष्य छाया, फल और फूल देने वाले पौधे लगाते हैं, वह अपने पितरों को महापापों से मुक्त करते हैं। इतना ही नहीं पौधे लगाने वाले मनुष्य को जीवन में मान-सम्मान और कीर्ति की भी प्राप्ति होती है। अगर किसी दंपति को संतान नहीं है, तो उन्हें पेड़-पौधों को ही संतान मान लेना चाहिए तथा पौधे लगाकर संतान की तरह उनकी देखभाल करनी चाहिए। इससे उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है। अगर कोई व्यक्ति पीपल के पौधे का रोपण करता है, तो यह उसके लिए एक लाख संतान पाने से भी बढ़कर है। इसलिए जीवन में सदगति की कामना करने वाले लोगों को एक, दो या तीन पीपल के पौधों का रोपण अवश्य करना चाहिए। जो व्यक्ति पीपल के पौधे का रोपण करके प्रतिदिन उसे जल से सींचते हैं, उनके समस्त पाप ऐसे नष्ट हो जाते हैं, जैसे अग्नि में जलकर पतंगा नष्ट हो जाता है। इसी प्रकार मोक्ष की कामना करने वाले जातकों को वट, जीवन में धन एवं लक्ष्मी की कामना करने वाले जातकों को कदंब का रोपण करने की बात शास्त्रों में बताई गई है। अनार के पौधे का रोपण स्त्री सुख देता है, जबकि पाकड़ के पौधे का जातक को जीवन में उत्तम स्त्री की प्राप्ति होती है। इसी प्रकार मनोवांछित कामना की पूर्ति के लिए आम के पौधे तथा रोगों से मुक्ति पाने के लिए शमी के पौधे का रोपण करना चाहिए। यह भी माना जाता है कि जीवन में सौ पौधों का रोपण करने वाला साक्षात् ब्रह्मा और हजार पौधे लगाने वाला साक्षात् विष्णु स्वरूप बन जाता है। इसी तरह अर्जुप, कनेर, बेल, शीशम तथा पलाश आदि पौधों का रोपण भी शास्त्र सम्मत व शुभ फलदायी माना गया है।

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