मनोकामना पूर्ति मंत्र (Mantra Magic)
मंत्रों में बहुत ताकत होती है। आधुनिक जीवन में भी इनका महत्व इसलिए बरकरार है, क्योंकि इनमें हर समस्या से छुटकारा दिलाने की शक्ति होती है। अगर नियमित और अनुशासित रूप से कोई मंत्र पढ़ा जाए, तो निश्चित रूप से उसका फायदा मिलता है। प्राचीन धर्म ग्रंथों में ऐसे कई मंत्र हैं, जिनसे आपकी मनोकामना पूर्ण हो सकती है। असल में मंत्र के माध्यम से किसी देवता विशेष को संबोधित किया जाता है और उन्हीं की कृपा से मनोकामना पूर्ण होती है। वेदों में भी मंत्र का स्थान सर्वोच्च एवं ब्रह्म के बराबर अर्थात् समांतर बताया गया है। कुछ उपयोगी मंत्र :
मां पार्वती अथवा कात्यायनि देवी की फोटो सामने रखकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहनकर मां का पूजन इस मंत्र से करें, तो विवाह संबंधी बाधाएं शीघ्र दूर हो जाती हैं।
पत्नी मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्। तारिणीं दुर्ग संसारसागस्य कुलोद्भवाम्।
इस मंत्र की तीन माला प्रतिदिन स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहनकर मां दुर्गा के समक्ष जप करने से आदर्श पत्नी की प्राप्ति होती है।
ॐ शं शंकराय सकल जन्मर्जितवापविध्वंसनाय। पुरुषार्थचातुष्ट लाभाय च पतिं देहि कुरू-कुरू स्वाहा।
शुक्ल पक्ष की सोमवार से कन्या स्नान आदि करके शंकर-पार्वती की तस्वीर का पूजन कर, तुलसी माला से तीन माला इस मंत्र का जप करें, तो लाभ होगा। साथ ही गुरुवार को मिट्टी के गमले में केले का पौधा लगाकर उसका पूजन कर उसमें 9 या 11 बार मौली अथवा कलावा बांधें तथा 125 ग्राम गुड़, 125 ग्राम पिसी हल्दी तथा चने की दाल, पांच पीले फूल, पांच केले, कोरे पीले कपड़े में बांधकर उस पर अर्पित करें। पूजनोपरांत केले आदि को किसी शिव-पार्वती के मंदिर में रख आएं। यह पूजा 11 सोमवार तक लगातार करने और मंत्र का जप करने से कन्या के विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
ॐ हृं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं हृं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:
मां लक्ष्मी की तस्वीर का पूजन कर, प्रतिदिन एक माला 41 या 51 दिन तक इस मंत्र का जप करने से साधक को मां लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है।
ॐ नमो वने बिआई बानरी जहां-जहां हनुमंत आंखें पीड़ा कषवरी गिहियां शनै लाई चरिउ जाई।
अस्मंतन गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा।
सूर्य या चंद्र ग्रहण में इस मंत्र का ग्यारह बार जप करें, तो यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। जब नेत्र पीड़ा या साधारण रोग आदि हो, तो आंख पर हाथ फेरते हुए सात बार यह मंत्र बोलें। नेत्र संबंधी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
वनरा गांठि वावरी तो डांटे हनुमान कं। बिलारी बाघी थनैजी कर्णमूल सम जादू।
श्रीरामचंद्र की बानी पानी पथ होई जाइ।
इस मंत्र का ग्यारह माला चंद्र या सूर्य ग्रहण में जप करने से यह शाबर मंत्र सिद्ध हो जाता है। सात बार कान पर हाथ फेरते हुए इसे बोलने से कान का दर्द दूर हो जाएगा।
ॐ परब्रह्म परमात्मने नम:।
उत्पत्ति-स्थिति-प्रलयं-कराय ब्रह्म-हरिहराय त्रिगुणात्मने सर्व कौतुकानि दर्शय, दत्तात्रेयाय नम:।
मम सिद्धिं कुरु-कुरु स्वाहा।
अगर काम रुक रहा हो, स्थानांतरण की आशंका है, रोजगार पाना हो, या फिर मनोकामना पूर्ण करनी हो, यह मंत्र हर जगह उपयोगी माना जाता है। इस मंत्र में जहां मम शब्द है, वहां अपना खास मनोरथ बोलना चाहिए। इस मंत्र का एक माला प्रतिदिन जप करें, लाभ होगा।
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