Header Ads

ad

My House (मेरा घर कब मिलेगा?)

ज्योतिष में बताया गया है कि मकान का सुख शनि ग्रह से मिलता है। अपनी कुंड्ली देखो और जानिए कि मेरा घर कब  तक बनेगा और उसके बनाने मे क्या दिक्कत आ रही हैं। 

यदि कुंडली में प्रथम भाव में लग्न कमजोर हो, तो जातक को भवन सुख रहने पर भी उससे लाभ नहीं मिलेगा। 

यदि शनि द्वितीय भाव में है, तो जातक को जब भी मिले मकान ले लेना चाहिए। जबकि तृतीय भाव में बुध की राशि मिथुन है और बुध नपुंसक ग्रह माना जाता है। इसलिए ऐसे जातक को तीन कुत्ते पालने से लाभ हो जाता है। 

कुंडली में चतुर्थ भाव को भूमि और भवन का कारक माना जाता है। इस भाव का कारक चंद्रमा है। यह शनि का शत्रु भी है। ऐसे जातक को अपना मकान नहीं बनवाना चाहिए। 

पांचवें भाव का स्वामी सूर्य है। शनि-सूर्य पिता और पुत्र हैं। ऐसे जातकों को 48 साल की उम्र के बाद ही मकान बनवाना चाहिए। साथ ही भैंसे की पूजा भी लाभप्रद होती है। 

अगर कुंडली में छठे अवस्था में शनि है, तो इसका स्वामी बुध होने की वजह से जातक का मकान रिश्तेदारों के लिए कष्टप्रद हो सकता है। इसलिए ऐसे जातकों को 39 वर्ष की उम्र के बाद ही मकान बनवाना चाहिए। 

जिन जातकों की कुंडली में सातवें भाव में शनि हो, तो ऐसे जातकों को बना बनाया मकान खरीदना चाहिए। 

आठवें भाव में शनि होने से जातक को मकान तो मिल जाएगा, पर उसे हमेशा किसी न किसी तरह का भय रहेगा। उन पर शनि का असर राहु-केतु की स्थिति के अनुसार होगा। 

अगर कुंडली में शनि नौंवे स्थान पर है, तो जातक को तभी अपना मकान बनवाना आरंभ कर देना चाहिए, जब उसकी पत्नी गर्भवती हो। 

यदि शनि दसवें भाव में हो, तो जातक को मकान धीरे-धीरे बनवाना चाहिए। 

अगर शनि ग्यारहवें भाव में हो, तो जातक को 55 वर्ष की उम्र के बाद ही मकान बनवाना चाहिए। 

अगर शनि द्वादश भाव में हो, तो जातक को भवन सुख अवश्य मिलेगा।

No comments

अगर आप अपनी समस्या की शीघ्र समाधान चाहते हैं तो ईमेल ही करें!!