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Saturn Remedies (शनि आपका मित्र है)

ऐसा माना जाता है कि किसी जातक की कुंडली में शनि की महादशा हमेशा अनिष्टकारी ही होती है। फिर चाहे यह विंशोत्तरी महादशा हो या अन्तर्दशा या फिर प्रत्यन्तर्दशा। अथवा शनि के गोचर से निर्मित साढ़ेसाती या ढैय्या का ही प्रभाव क्यों न हो। पर यह बात हमेशा सही नहीं होती। इसलिए शनि केवल अशुभ ही हो, यह आवश्यक नहीं है। पर यह सच है कि अच्छे और योगकारक ग्रह की दशा हो, तो व्यक्ति को शुभ फल मिलते हैं। अन्यथा व्यक्ति का जीवन संघर्षपूर्ण रहता है। अगर किसी व्यक्ति का गोचर में शनि विपरीत प्रभाव दे रहा हो अथवा महादशा, अन्तर्दशा में शनि पीड़ादायक हो, तो शनि पुजन राहत एवं समृद्धि पाने की दृष्टि से बेहद असर कारक है। 

मूले ब्रह्मा त्वचि विष्णु: शाखासु च महेश्वर:। पत्रे पत्रे देवनाथो वृक्षराज! नमोस्तुते॥ 
वृक्षराज नमस्तुभ्यं महाकाय शिखाप्रिय। सर्वकष्ट विनाशय देहि वान्दम्नाम् ॥

कोयला, लोहे के बर्तन, उड़द की काली साबुत दाल, काले चने, चमड़े के जूते, काला वस्त्र, सरसों का तेल, कंबल, काले तिल इत्यादि शनि की वस्तुएं हैं। शनि दोष और पीड़ा दूर करने के लिए शनिवार के दिन इन सभी चीजों का दान करना लाभकारी रहेगा। 

शनिवार के दिन अगर काली गाय की सेवा की जाए, तो इससे शनिदेव प्रसन्न होंगे। इस दिन गौ माता के मस्तक पर रोली लगाएं और सींगों में कलावा बांधकर, उनका पूजन करें। गाय को गुड़, रोटी खिलाएं। 

यदि आपकी जन्मकुण्डली में शनि योगकारक होकर शुभ स्थान पर बैठा हो, तो जीवन में विशेष सफलता के लिए शनिवार के दिन शनि प्रिय रत्न नीलम अथवा उसका उपरत्न नीली दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में प्राण-प्रतिष्ठा करवाकर धारण करें। 

शनिवार को गरीबों में तेल से बनी वस्तुएं वितरित करें। गरीबों की मदद करने वालों के भाग्य का बंद दरवाजा निश्चित रूप से खुल जाता है। 

शनि जनित पीड़ा को कम करने के लिए शनिवार के दिन भोजन की थाली में परोसे गए सभी पदार्थों में से थोड़ा-थोड़ा निकालकर कौओं को खिलाना चाहिए एवं काले कुत्ते को सरसों के तेल में चुपड़ी रोटी खिलाने से शनि के कारण होने वाले नुकसानों से राहत मिलती है। 

यदि आपको शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या आदि सता रही है, तो इससे बचने के लिए इस दिन हनुमान जी सहित शनिदेव के मंत्रों का जप व पूजन अवश्य करना चाहिए। यदि इस दिन सुंदरकांड का पाठ किया जाए या हनुमान जी की अराधना की जाए, तो जातकों को हनुमत कृपा मिलने के साथ ही शनि, राहु, केतु आदि से होने वाले कष्टों से भी मुक्ति मिलती है।

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