Somvati Amavasya PitraDosh सोमवती अमावस्या पित्तर दोष उपाय
सोमवती अमावस्या पितर दोष दुर करने के लिये अति उत्तम है। सोमवती अमावस्या की पूजा से बहुत जल्दी यह दोष समाप्त हो जाता है। नोकरी, विवाह और कोई भी परेशानी जीवन मे हो खत्म हो जाती है। आज के दिन पीपल के पेड के पास जाइये, उस ही पीपल देवता को एक जनेऊ दीजिये साथ ही दुसरा जनेऊ भगवान विष्णु जी के नाम से उसी पीपल के पेड को दीजिये, पीपल के पेड और भगवान विष्णु को नमस्कार कर प्रार्थना कीजिये, अब एक सौ आठ परिक्रमा उस पीपल के पेड की कारे दुध की बनी मिठाई को हर परिक्रमा के साथ पीपल को अर्पित करते जाईए। परिक्रमा करते समय “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र को जपते रहे। 108 परिक्रमा पूरी करने के बाद पीपल के पेड और भगवान विष्णु से फिर प्रार्थना करे कि जाने अन्जाने में हुये अपराधो के लिए उनसे क्षमा मांगिये। और अपने पितरो के कल्याण के लिए प्रार्थना करे।
यह कैसे जाने किसको पितर दोष है: अपनी जन्म कुंड्ली मे देखे कि “कया जन्म लग्न से नोवे भाव मे पाप ग्रह(राहू केतु मंगल शानि सुर्या) है, क्या नोवे भाव का स्वामी पाप ग्रह के साथ है बैठा है” फिर ऐसे ही चन्द्र लग्न से देखे “कया नोवे भाव मे पाप ग्रह है, क्या नोवे भाव का स्वामी पाप ग्रह के साथ है बैठा है” तो आपको यह दोष है। इसमे भी राहू केतु यादि है तो 100% यह दोष मोजुद है। इसलिये देर ना करे यह उपाय करने मे। नही तो जो भी नया काम करोगे तो 3-6 के अन्दर बिगड जायेगा।
अगर आज मोका चुक गया तो फिर 15 अक्टूबर 2012, 11 मार्च 2013, 08 जुलाई 2013 और 02 दिसम्बर 2013 को मिलेगा
अगर दोष नही भी है तो करने मे क्या बुराई है यह तो हमारा और पितरो का कल्याण करने वाला उपाय है।
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