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Vaastu: Vehicle Parking In Home

वाहन आज मनुष्य के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं। इसलिए पार्किंग की जगह भी घरों का अनिवार्य अंग बन गई है। पर यदि पार्किंग स्पेस वास्तु सम्मत न हो, तो आपकी गाड़ी को खासा नुकसान हो सकता है। यहां तक कि कुछ देशों में तो लोगों में अपनी कार को नाम देने की परंपरा भी है। इसलिए घर में पार्किंग की जगह बनाने से पहले इन बातों पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है। 

प्लॉट के उत्तरी पश्चिमी कोने में पार्किंग की जगह होनी चाहिए। यह नियम उस स्थान पर लागू होता है, जहां वाहन को सबसे अधिक समय तक पार्क होना है। 

वाहनों को जब पार्क किया जाए, तो उनका अगला भाग सकारात्मक दिशा में होना चाहिए। पूर्व और उत्तर को सकारात्मक दिशा माना जाता है। 

अपने प्लॉट, जिस पर मकान बना है, के दक्षिण-पश्चिम कोने में वाहन की पार्किंग बनाने से बचना चाहिए। ऐसा करने से वाहन ज्यादा समय तक गैराज में रहता है या फिर इसमें जल्दी-जल्दी खराबी आने लगती है। संक्षेप में कहें तो ऐसी स्थिति में वाहन मालिक के काम का नहीं रह जाता। 

पार्किंग के समय वाहन का अगला भाग दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए। दक्षिण की ओर खडे़ होने वाले वाहनों के मालिकों को व्यापार या कार्यक्षेत्र में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। 

जो लोग व्यवसाय करते हैं, उन्हें अपने वाहन का अगला भाग उत्तर दिशा की ओर करके गाड़ी पार्क करनी चाहिए। इससे उन्हें व्यापार में अच्छे सौदे करने में मदद मिलेगी, जो लोग नौकरी करते हैं, उन्हें अपने वाहन का अगला भाग पूर्व दिशा की ओर करके पार्क करना चाहिए। इससे उनकी कार्य क्षमता में वृद्धि होगी। 

यदि वाहन का अगला भाग उत्तर पश्चिम दिशा के पश्चिमी कोने की ओर करके पार्किंग की जाती है, तो उस वाहन के स्वामी को ज्यादा समय तक यात्राएं करनी पड़ती हैं। आपको जब कभी महत्वपूर्ण समझौते के लिए जाना हो तो उससे पहले की रात अपने वाहन को अग्रभाग उत्तर या पूर्व दिशा में करके पार्क करें

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