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Gem Stone: Friends or Enemies

कई लोग बिना सोचे-समझे एक साथ कई रत्नों को धारण कर लेते हैं। जिसका जातक पर विपरीत प्रभाव होता है। रत्नज्योतिषी की मानें, तो ऐसे कई रत्न हैं, जो एक-दूसरे के विरोधी हैं और एक साथ मिलने पर गलत प्रभाव भी देते हैं। मसलन, चंद्र रत्न मोती और मंगल रत्न मूंगे को राहु के रत्न गोमेद के साथ नहीं पहनना चाहिए। क्योंकि राहु चंद्र व मंगल ग्रह से शत्रुता रखता है। इसी तरह हीरा व नीलम को भी एक साथ पहनना गलत बताया गया है। पन्ने के साथ मोती कभी नहीं पहनें। क्योंकि बुध, चंद्रमा को अपना शत्रु मानता है। गुरु रत्न पुखराज के साथ हीरा तथा नीलम नहीं पहनें। वैसे ही शुक्र रत्न हीरे के साथ माणिक्य, मूंगा तथा पुखराज भी नहीं धारण करना चाहिए। छाया ग्रह राहु-केतु के रत्न गोमेद-लहसुनिया के साथ माणिक्य, मोती तथा मूंगा का भी निषेध है। इस तरह विभिन्न रत्नों को धारण करने से पहले रत्नों की युति पर विचार अवश्य करें। 

ज्योतिष के अनुसार जिस प्रकार नौ ग्रह आपस में शत्रु व मित्र भाव रखते हैं, ठीक उसी प्रकार उनके प्रतिनिधि रत्न भी आपस में दुश्मन व दोस्त होते हैं। अतः कभी भी दो या तीन ऐसे रत्न जो आपस में शत्रुता का भाव रखते हों, एक साथ धारण नहीं करने चाहिए। यदि कोई अनजाने में ऐसा करता है, तो उसे इसका दुष्प्रभाव झेलना पड़ता है क्योंकि परस्पर दो शत्रु रत्न एक साथ धारण करने से ये एक-दूसरे के बल का ह्रास करते हैं। जिससे इन्हें धारण करने वाले को हानि होती है। आइए जानते हैं ऐसे रत्नों और उनके शत्रु रत्नों को 

सूर्य रत्न: इसका रत्न माणिक्य होता है। माणिक्य के शत्रु रत्न एवं पत्थर हैं, हीरा, नीलम, गोमेद व लहसुनिया, जबकि इसके साथ मोती, मूंगा व पुखराज धारण करना सर्वथा लाभदायक होता है। 

चंद्र रत्न: मोती को चंद्र का रत्न माना जाता है। हीरा, पन्ना, नीलम, गोमेद व लहसुनिया को मोती के साथ धारण करना हानिकारक बताया जाता है, जबकि इसके साथ माणिक्य, मूंगा व पुखराज धारण करने वाले जातकों को लाभ होता है। 

मंगल रत्न: मूंगा मंगल के लिए धारण किया जाता है। पर इसके भी शत्रु एवं मित्र रत्न व पत्थर हैं। मूंगा के साथ माणिक्य, मोती व पुखराज धारण करना लाभप्रद है, परंतु नीलम, गोमेद, पन्ना व हीरा के साथ इसे धारण करना अत्यंत हानिकारक माना जाता है। 

बुध रत्न: पन्ना बुध का रत्न है। इसे मूंगा व मोती के साथ धारण करना वर्जित है। लेकिन हीरा, माणिक्य व नीलम के साथ धारण करना लाभप्रद गया है। 

गुरु रत्न: आमतौर पर गुरु को प्रसन्न करने के लिए पुखराज धारण किया जाता है। परंतु हीरा, नीलम, गोमेद व लहसुनिया के साथ इसे धारण करना परेशानी को आमंत्रित करने के समान माना जाता है। पर यदि इसे माणिक्य व मूंगा के साथ धारण किया जाए, तो जातक को लाभ होता है। 

शुक्र रत्न: हीरा को शुक्र का रत्न कहा जाता है। इसे यदि माणिक्य, मोती, मूंगा व पुखराज के साथ धारण किया जाए, तो जातक को हानि होती है। अगर इस रत्न को पन्ना व नीलम के साथ इसे धारण किया जाए, तो जातक के लिए शुभ संयोग होता है। 

शनि रत्न: इसका रत्न नीलम माना जाता है। इसके भी शत्रु एवं मित्र रत्न व पत्थर होते हैं। यदि नीलम के साथ पन्ना व हीरा धारण किया जाए, तो जातक को लाभ होता है, पर माणिक्य, मोती, मूंगा व पुखराज के साथ यह नुकसानदायक हो सकता है। 

राहु रत्न: गोमेद धारण करने से राहु की शांति होती है। पर यदि इसके साथ माणिक्य, मूंगा, मोती व पुखराज धारण किया जाए, तो यह नुकसानदायक होता है। जबकि गोमेद के साथ नीलम व पन्ना धारण करना शुभ फलदायी माना जाता है। 

केतु रत्न: अगर जातक लहसुनिया धारण करे, तो केतु की शांति होती है। वही नीलम व पन्ना को इसके साथ धारण करने पर जातक को लाभ होता है, परंतु माणिक्य, मूंगा, मोती व पुखराज के साथ गोमेद का योग नुकसानदायक हो जाता है।

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