Header Ads

ad

Vaastu Remedies (दोषमुक्त घर)

यदि मकान में थोड़ा भी दोष हो, तो उसमें रहने वाले सभी लोगों का जीवन कष्टमय होने की आशंका रहती है। इसलिए सबसे पहले मकान को दोषमुक्त बनाने का प्रयास करना चाहिए। वास्तुशास्त्र में ऐसे ही उपायों का वर्णन किया गया है, जिससे बिना किसी तोड़फोड़ के आप मकान को अपने अनुकूल बना सकते हैं। 

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप खुद भी ऐसे उपाय कर सकते हैं। यानी कम खर्च और कम समय में आप अपने घर को स्वर्ग बना सकते हैं 

यदि रसोईघर वायव्य कोण में हो, तो आग्नेय कोण में लाल रंग का जीरो वाट का बल्ब लगा दें। 

यदि आपके घर में बाथरूम ईशान कोण में हो, तो उसे पूजा घर बनाना सही रहेगा। इसी तरह अगर इसी कोण में सैप्टिक टैंक हो, तो वहां अंडरग्राउंड वाटर टैंक बनाना उचित उपाय है। 

यदि मुख्य प्रवेश द्वार वास्तु-सम्मत न हो तो मुख्य द्वार को सुसज्जित कर लें तथा बाहर रंगोली सजा दें। तोरण लगाना भी सही उपाय रहेगा। 

यदि भूखंड का कोई कोना कटा हो अथवा ईशान कोण के अलावा अन्य कोना बढ़ा हुआ हो, तो भवन का निर्माण वर्गाकार या आयताकार कराते हुए शेष भाग को किसी अन्य काम में लाएं। 

यदि सीढ़ियां एंटी क्लॉक वाइज हो, तो सीढ़ियों के घुमाव के स्थान पर प्राकृतिक पौधे का गमला रख दें या फिर सीढ़ी की दीवार पर प्राकृतिक दृश्य की तस्वीर लगा दें। नकारात्मक असर खत्म हो जाएगा। 

यदि घर के फर्श का ढलान ईशान में न होकर दक्षिण, पश्चिम या नैऋऱ्त्य में हो, तो ईशान की तरफ वाली खिड़कियां खुली रखें और फर्श का ढलान जिधर हो, वहां पौधों के गमले रख दें। 

यदि घर में छोटे-मोटे ज्ञात-अज्ञात वास्तुदोष हो, तो दक्षिण-पश्चिम को अपेक्षाकृत कुछ भारी रखें तथा खाली स्थानों पर पौधे के गमले लगाएं। 

यदि घर की बनावट असमान हो अथवा छत ऊंची-नीची हो, तो घर के बाहर एक-सा पेंट करवा दें, पुरानी दीवारों की मरम्मत कराएं तथा छत पर झोंपड़ीनुमा आकृति बनाएं। 

यदि भवन के ब्रह्म स्थान में खंभा हो, तो उस पर ऊं या स्वस्तिक की आकृति बना दें तथा खंभे के पास तुलसी के पौधे का गमला रखें। 

यदि पूर्व दिशा की ओर कोई खिड़की न बनवा पाए हो, तो पूर्व की ओर की छत में छोटा-सा छेद करके फाइबर की शीट, शीशे की ईंटें आदि लगा दें। 

यदि शयनकक्ष गलत दिशा में हो, तो शयनकक्ष के ईशान कोण में भारी सामान न रखें तथा नैऋऱ्त्य कोण में पलंग इस प्रकार बिछाएं कि सिरहाना दक्षिण की ओर हो। 

यदि शयनकक्ष के ऊपरबाथरूम या रसोईघर हो, तो शयनकक्ष को स्टोररूम में बना दें अथवा ऊपर के बाथरूम या रसोईघर को स्टडी रूम बना दें। बाथरूम को पूजाघर में भी बदला जा सकता है। 

यदि रसोईघर का सिंक उत्तर दिशा या ईशान कोण में न हो, तो सिंक के ऊपर लकड़ी या बांस का पांच रॉड वाला विंड चाइम लगा दें। 

यदि कुर्सी-मेज अथवा पलंग के ऊपर कोई बीम हो, तो फॉल्स सीलिंग करवाते हुए बीम, गार्डर आदि को ढंक दें। 

यदि घर का नैऋऱ्त्य कोण ईशान कोण से नीचा हो, तो नैऋऱ्त्य पश्चिम या दक्षिण में एक प्लेटफॉर्म बनवा दें, जो ईशान कोण से ऊंचा हो।

No comments

अगर आप अपनी समस्या की शीघ्र समाधान चाहते हैं तो ईमेल ही करें!!