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When Your Gem Stone Will be Expired

रत्न की आयु जाने:

हम अपने ग्रह-नक्षत्रों को प्रसन्न करने के लिए प्राकृतिक रत्नों व पत्थरों को किसी योग्य ज्योतिषी के परामर्श पर धारण करते हैं। वह ज्योतिषी हमें हमारी कुंडली के अनुसार रत्नों व पत्थरों का नाम बताता है और साथ ही उनके धारण करने की अवधि भी बताता है। असल में इसका कारण यह है कि जिस तरह ग्रह एक निश्चित अवधि तक किसी कुंडली में विराजमान रहते हैं, ठीक इसी तरह हर रत्न व पत्थर की भी आयु होती है और वह अवधि पूरी होने के बाद वह अनुपयोगी हो जाता है। जैसे माणिक्य रत्न चार वर्ष तक प्रभावी रहता है। इसके बाद वह निष्प्रभावी हो जाता है। इसी प्रकार मूंगा भी तीन वर्षों तक ही पूरे प्रभाव में रहता है। पन्ना की भी आयु तीन वर्ष मानी गई है। पुखराज की आयु चार वर्ष तथा हीरा की सात वर्ष मानी गई है। शनि के रत्न नीलम को भी पांच वर्षों तक ही धारण करना श्रेष्ठ माना गया है। गोमेद और लहसुनिया की आयु भी तीन वर्ष ही मानी गई है। अगर रत्न या पत्थर की अवधि समाप्त हो गई है, तो इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि वह बेकार हो गया। बल्कि इसे रीचार्ज करके फिर से धारण किया जा सकता है। पर अगली बार उसे किसी दूसरे व्यक्ति को धारण करने को दे देना चाहिए।

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