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वक्री ग्रह बहुत शुभ भी होते हैं


वक्री ग्रह सदा अनिष्टकारी नहीं होते, वह कभी-कभी बहुत शुभ भी होते हैं। खास स्थान में वक्री ग्रह जातक को उच्च शिखर पर पहुंचाने में अत्यंत सहायक होते हैं। ऐसी स्थिति में जातक को धन, यश व अच्छी सेहत की प्राप्ति होती है। किसी के जन्म में यदि कोई ग्रह वक्री होता है और जीवन में वह वक्री ग्रह जब गोचर में आता है, तो बहुत शुभ फल देता है। खास बात यह है कि सूर्य और चंद्रमा कभी वक्री नहीं होते। 

मंगल : यह ग्रह यदि वक्री है तो व्यक्ति शीघ्र क्रोधी तथा उत्तेजित होने वाला होता है। जब मंगल का वक्रत्व समाप्त होता है, तभी उसके सभी कार्य पूर्ण होते हैं। वक्री मंगल वाले व्यक्ति प्राय: डॉक्टर, वैज्ञानिक या रहस्यमयी विधाओं के ज्ञाता होते हैं। वैसे वक्री मंगल वाले मजदूर कार्यस्थल पर काम के बजाय हड़ताल पर रहना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे जातक अधिकतर कामचोर होते हैं।

बुध : जिनकी जन्मकुंडली में बुध वक्री होता है, वह कमजोर स्वाभाव वाले अथवा मुसीबत में घबरा जाने वाले व्यक्ति होते हैं। जब गोचर में बुध वक्री हो जाता है तो व्यक्ति तीक्ष्ण बुद्धि वाले होते हैं। समाज की विभिन्न समस्याओं को आश्चर्यजनक ढंग से सुलझाने में वे सक्षम होते हैं।

बृहस्पति : वक्री बृहस्पति भी शुभ फल देता है। इसके जातकों के पास अद्भुत क्षमता होती है और वे विलक्षण कार्यशैली वाले होते हैं। भले ही उनका कोई काम अधूरा रह जाए, पर आखिरकार वह अपने अधूरे कार्यों को पूरा जरूर करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि भवन निर्माण का कार्य रुका हुआ हो अथवा फैक्टरी बंद पड़ी हो, तो दोबारा गोचर में वक्री आने पर रुका हुआ काम पुन: शुरू हो जाता है और पूरा भी होता है।

शुक्र : जन्म के समय शुक्र के वक्री होने पर जातक धार्मिक स्वभाव का होता है। धर्म पर विश्वास रखने के कारण ऐसे जातकों को लोकप्रियता मिलती है। गोचर में शुक्र जब वक्री होता है, तो उस दौरान वह व्यक्ति सत्यवादी, पर क्रूर हो जाता है। यदि वक्री शुक्र वाले जातक को प्यार, स्नेह या सम्मान नहीं मिलता, तो वह विद्रोही हो जाता है। वक्री शुक्र वाले जातक यदि कलाकार, संगीतज्ञ, कवि या ज्योतिषी हैं, तो उनकी शक्ति बढ़ जाती है और अपने व्यवसायों में वे शिखर पर पहुंच जाते हैं। साथ ही वे काफी नाम भी कमाते हैं।

शनि : जन्म में शनि जब वक्री होता है और युवा होने पर जब वह वक्री गोचर में आता है, तो व्यक्ति शक्की स्वभाव का हो जाता है और साथ ही स्वार्थी भी हो जाता है। ऐसे व्यक्ति दिखते कुछ और हैं, पर वास्तव में कुछ और होते हैं। ऐसे व्यक्ति ऊपर से साहसी, कठोर, सिद्धांतवादी और अनुशासनप्रिय होने का ढोंग करते हैं। हकीकत यह होती है कि वे अंदर से डरपोक, खोखले और लचीले स्वभाव के होते हैं।

वैसे तो वक्री ग्रहों को अच्छा नहीं माना जाता, पर कुछ खास परिस्थितियों में इनका प्रभाव जातकों के लिए शुभ होता है। ज्योतिष शास्त्र में वक्री ग्रहों को भी शुभ की संज्ञा दी गई है, जिनसे जातकों का जीवन सुखमय हो सकता है।

2 comments:

  1. I am in trouble. my financial problem is going high. i dont know what to do. 12 feb 2012 I married.

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  2. आपकी जन्मपत्रिका दिखाये तो ज्ञान हो सकता है कि ऐसा क्यो और कितने दिन तक होगा? कृपा किसी पडिंत से सम्पर्क करे या डीलेटस प्रदान करे।

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