Header Ads

ad

अचुक उपाय


रोजमर्रा की जिंदगी में अकसर हम छोटी-छोटी चीजों से जूझते रहते हैं। एक बला टली नहीं कि दूसरी बला सिर पर खड़ी हो जाती है। वैसे जीवन में छोटी-छोटी समस्याएं तो आती ही रहती हैं, इसीलिए इन समस्याओं का सामना करना भी आना चाहिए। हमारे पूर्वजों ने ऐसी ही जीवन की कुछ सामान्य समस्याओं के लिएकुछ आसान उपाय बताए हैं।

अगर आपके कार्य सफल नहीं हो रहे हों, तो प्रात:काल कच्चा सूत लेकर सूर्य के सामने मुंह करके खड़े हो जाएं। फिर सूर्यदेव को नमस्कार करके ‘ॐ ह्रीं घृणी आदित्य श्रीं’ मंत्र को बोलते हुए सूर्यदेव को जल चढ़ाएं। जल में रोली, चावल, चीनी तथा लाल पुष्प डाल लें। इसके पश्चात् कच्चे सूत को सूर्यदेव की तरफ करते हुए, गणेशजी को स्मरण करते हुए, सात गांठ लगाएं। इसके पश्चात् इस सूत को किसी खोल में रखकर, अपनी कमीज की जेब में रख लें, आपके बिगड़े काम बनने लगेंगे।

शाम को खाना खाने के बाद ढाई घंटे के लिए बाईं करवट सो जाएं, फिर ढाई घंटे दायीं करवट लेट जाएं। इसके बाद उठकर सीधे बैठ कर पढ़ना शुरू कीजिए। इस क्रम को लगातार चालू रखिए। एकाग्रता बढ़ती है और पढ़ाई में मन लगने लगता है।

यदि किसी कारणवश आपको अपने कार्यस्थल पर मन नहीं लग रहा है और तबादला चाहते हैं, तो रोजाना पिसी हल्दी को बहते पानी में बहाएं। इस उपाय को लगातार एक महीने तक करें। आपका ट्रांसफर हो जाएगा।

परिवार की किसी समस्या से या लेन देन से, अथवा किसी रिश्ते-नाते को लेकर दिमाग में किसी तरह की चिंता हो और मन बेचैन रहता हो, तो इसके लिए निम्न उपाय करें। एक लोटे में या जग में पानी लेकर उसके अंदर चार लाल मिर्च के बीज डालकर अपने ऊपर सात बार उतार लें। इसे वार लेना भी कहते हैं। उसके बाद घर के बाहर सड़क पर उस पानी को फेंक दीजिए, फौरन आराम मिल जाएगा।

शादी वाले दिन से एक दिन पहले एक ईंट के ऊपर कोयले से ‘बाधाएं’ लिखकर ईंट को उल्टा करके किसी सुरक्षित स्थान पर रख दीजिए और शादी के बाद उस ईंट को उठाकर किसी पानी वाले स्थान पर डाल कर ऊपर से कुछ खाने का सामान डाल दीजिए। विवाह के समय बाधा नहीं आती।

एक कांच के गिलास में पानी लें और उसमें नमक मिलाकर घर के नैऋऱ्त्य कोण में रख दीजिए। उस गिलास के पीछे लाल रंग का एक बल्व भी लगा दीजिए ताकि उसकी उष्मा से गिलास का पानी सूखता रहे। फिर जब उस गिलास का पानी सूख जाए, तो फिर से उसमें साफ पानी भरकर नमक मिलाएं और उसी स्थान पर रख दें। इससे बुरी नजर का असर दूर हो जाता है।

बीपी कम करना हो तो पंचमुखी रुद्राक्ष को सफेद धागे में पिरोकर पहन लें, धागे की लंबाई इतनी हो कि वह हृदय तक पहुंचे। इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।

अशोक वृक्ष की जड़ के पास से अंदर की तरफ की एक किलो मिट्टी ले आइए। कूट पीस कर छान लीजिए व उसमें केसर, केवड़ा जल, हिना का इत्र, मुठ्ठी नाग के जट, श्वेत चंदन, काली गाय का दूध, मिट्टी में मिलाएं और इसे गूंथ लीजिए। इसके बाद एक पिंडी अर्थात् शिवलिंग बना लीजिए। फिर इसे पूजा स्थान पर रख दीजिए। अब आपको 108 बार मंत्र जाप करना है। ‘ॐ नम: शिवाय’ बोलते हुए 108 बेल पत्र चढ़ाने हैं। पूजा यहीं समाप्त नहीं हो जाती, दूसरे दिन ये 108 बेलपत्र एक थैली में रखने हैं। यह प्रक्रिया लगातार सात दिन सोमवार से करनी है। इस प्रकार सात थैलियां इकठ्ठी होंगी। आठवें दिन हर थैली में से एक-एक बेल पत्र निकाल कर एक डिब्बी में रखकर लॉकर में रख दीजिए। शिवलिंग व बचे हुए बेलपत्र जल में प्रवाहित कर दें। इससे घर में सुख शांति आती है।

No comments

अगर आप अपनी समस्या की शीघ्र समाधान चाहते हैं तो ईमेल ही करें!!