क्या आप सोना का तरीका जानते हैं ???
भारतीय पौराणिक ग्रंथों (वेद, पुराण, महाभारत, सुश्रुत संहिता, विष्णुस्मृति आदि) में विभिन्न कार्यों के लिए आचार-संहिता बनाए गए हैं, जो संतुलित व ऊर्जावान जीवन जीने के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण हैं।उनमें निद्रा से संबंधित भी कई बातें बताई गई हैं।
- सदा पूर्व या दक्षिण की तरफ सिर करके सोना चाहिए। इससे विद्या, धन व आयु की प्राप्ति होती है।
- उत्तर या पश्चिम की ओर सिर करके सोने से रोग उत्पन्न होते हैं और आयु क्षीण होती है।
- सोते वक्त शरीर पर कोई-न-कोई वस्त्र जरूर धारण करना चाहिए।
- सोने का बिस्तर टूटा हुआ नहीं होना चाहिए। उसे समतल होना चाहिए तथा उस पर कुछ बिछा जरूर होना चाहिए।
- जूठे मुंह कभी नहीं सोना चाहिए।
- देव मंदिर अथवा श्मशान में कतई नहीं सोना चाहिए।
- भीगे पैर नहीं सोना चाहिए। सूखे पैर सोने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
- सूर्योदय से पहले उठ जाना न सिर्फ प्राचीन ग्रंथों, बल्कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति में भी उत्तम माना गया है। स्वस्थ व्यक्ति को ब्रह्म मुहूर्त में अवश्य उठ जाना चाहिए। ऐसा न करने पर आयु का नाश होता है।
- यदि सोते-सोते सूर्यास्त हो जाए, तो इसे अशुभ माना जाता है।
- बांस या पलाश की लकड़ी पर कभी नहीं सोना चाहिए।
- बिस्तर इस तरह का होना चाहिए, जो सिर की तरफ से ऊंचा हो। सिर की तरफ से बिस्तर का नीचा होना न सिर्फ अशुभ माना जाता है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह ठीक नहीं है।
- प्राचीन ग्रंथों में बिल्कुल अंधेरे में सोने को निषेध माना गया है। इसलिए सोने के स्थान पर मद्धिम रोशनी जरूर करें।
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