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मंत्रों में ऐसी शक्ति होती है कि इनके जप मात्र से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। अगर रोज मंत्रों का जप किया जाए, तो व्यक्ति आने वाली परेशानियों से बचता है और साथ ही उसके जीवन में खुशहाली भी आती है। वैसे शास्त्रों में किसी खास परेशानी से बचने के उपायों का भी वर्णन किया गया है, जिनका प्रयोग करना भी लाभप्रद माना गया है। अगर आपको जीवन में सुख-शांति चाहिए और साथ ही कार्यों में सफलता की चाहत है, तो गायत्री मंत्र का जप करना उपयोगी हो सकता है। इस मंत्र का 11000 बार जप करना श्रेष्ठ माना गया है। अगर जातक संतानहीन है, तो संतान की प्राप्ति के लिए संतान गोपाल मंत्र का 11 हजार की संख्या में जप करना श्रेयस्कर हो सकता है। धन की समस्या से लगभग हर कोई जूझता रहता है। ऐसे में महालक्ष्मी मंत्र
"ॐ श्रीं हृं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं हृं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नम:" का 26 हजार की संख्या में जप करना लाभदायक हो सकता है। किसी भी जातक के विवाह में विलंब होने पर वह कात्यायनी को समर्पित भगवती मंत्र का 9 हजार की संख्या में जप कर सकते हैं। इस मंत्र से विवाह का योग शीघ्र बनने की संभावना बढ़ जाएगी। अगर जीवन में कोई समस्या लंबे समय से परेशान कर रही हो, तो जातक के लिए सप्तशती महामंत्र का 11 हजार की संख्या में जप करना श्रेयस्कर माना जाता है। यदि आप किसी मुकदमे में व्यस्त हैं और विजयश्री चाहते हैं, तो आपके लिए बटुक भैरव मंत्र का जप करना श्रेष्ठ माना जाता है। इस मंत्र को भी 11 हजार बार जपना सही रहता है। अगर आप बुरी नजर से बचना चाहते हैं तो महाकाली मंत्र
"ततो निशुंभ: सम्प्राप्य चेतनामान्त कार्मुंक आज द्यान शरै देवी काली के सरिणं तथा" का 3 हजार की संख्या में जप करना उचित माना गया है। इसी प्रकार भूत-प्रेत और रोगों से निदान के लिए हनुमान मंत्र का 5 हजार बार जप करना श्रेयस्कर माना गया है। इस मंत्र से हनुमान जी की कृपा भी मिलती है। अगर आप जीवन में किसी भी समस्या से छुटकारा चाहते हैं, तो पालनहार के महामंत्र
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:" का अपने अनुसार इच्छित संख्या में जप करना श्रेयस्कर रहेगा। वैसे भी अंत मे सभी मंत्र वासुदेव को ही चले जाते हैं। हर साधना का फल वासुदेव ही देते हैं।
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