ईशान कोण में रसोई
स्नेह पूर्वक बनाया गया स्वादिष्ट भोजन घर के सभी सदस्यों के बीच ऊर्जा और उत्साह का संचार करता है। पर इसके लिए जरूरी है कि आपकी रसोई वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुकूल हो। चूंकि रसोई घर अग्नि स्थान का सूचक है, इसलिए इसके लिए सबसे उपयुक्त स्थान आग्नेय यानी दक्षिण-पूर्व माना जाता है। इस दिशा का स्वामी शुक्र है, जहां मां भगवती अन्नपूर्णा की कृपा रहती है। इस स्थान पर भोजन बनाने से भोजन की कभी कमी नहीं रहती है तथा भोजन भी स्वादिष्ट बनता है। अगर ऐसा करना संभव न हो, तो पूर्व दिशा में रसोई घर रखना लाभप्रद हो सकता है। पर इस भाग में गैस चूल्हा दक्षिण-पूर्व में रखना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है, तो खाना पकाने वाले का मानसिक तनाव अधिक होने की आशंका रहती है। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि गैस का चूल्हा ठीक दरवाजे के सामने न हो। यदि आपकी रसोई घर पश्चिम में है, तो आपके घर खाना हमेशा पकता रहेगा, क्योंकि अतिथियों का आगमन लगातार होता रहेगा। साथ ही रसोई घर में बर्तन धोने एवं पानी का स्थान ईशान कोण में होना चाहिए। उत्तर की ओर रसोई घर नहीं रखना चाहिए।
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