राहु का उपाय
यदि जन्म कुंडली में राहु के कारण अशुभ फल मिल रहा हो या अपनी दृष्टि के कारण कार्यों में बाधा पहुंचा रहा हो, तो राहु की शांति का उपाय करना चाहिए। ‘लाल किताब’ आदि ग्रंथों में राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने तथा शुभ फल प्राप्त करने के अनेक प्रयोग बताए गए हैं। आप भी इन्हें आजमा सकते हैं।
- यदि राहु के कारण स्वास्थ्य खराब रहता हो, तो वट वृक्ष में रोजाना जल डालें। बीमारियों का शमन हो जाएगा या राहु के मंत्र ‘भ्रां भ्रीं भौं स: राहवे नम:’ का 18 हजार बार जप करने से राहु की पीड़ा का निवारण होता है।
- नीले रंग के पुष्प एवं चंदन से राहु की पूजा-अर्चना करें। राहु की अनिष्टता दूर होकर शुभ फल मिलने लगेगा।
- शीशा, सतनाजा, गेहूं, जौ, साबुत उड़द, काले तिल, सरसों, सरसों का तेल, नीले वस्त्र, लोहे की खिलौनेनुमा तलवार, कंबल, ऊनी बिछावन आदि को सूप में रखकर शनिवार के दिन दान देने से राहु शांत हो जाता है।
- कस्तूरी, तारपीन, लोबान तथा मोथा मिश्रित जल से स्नान करें।
- यदि राहु लग्न, चतुर्थ, पंचम, सप्तम, नवम या दशम भाव में हो, तो 6, 11 या 13 कैरेट का गोमेद सायंकाल दाईं उंगली में धरण करें। साथ ही उपरोक्त मंत्र का 18 हजार बार जप करें। राहु के कारण होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिल जाएगी।
- शनिवार के दिन चंदन की जड़ लाकर गंगाजल से साफ कर लें। फिर उसका पूजन करके शोधित करें। तत्पश्चात उसे काले धागे में बांध कर रोगी की दाईं भुजा में धारण कराएं।
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