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रुद्राक्ष - एक दवा


रुद्राक्ष को दवा भी माना जाता है। यह नरम और शुष्क होता है और कुछ लोग इसे शीतल भी मानते हैं। इसका उपयोग केवल साधना या मंत्र जप के लिए नहीं, बल्कि रोगों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। जैसे अगर इसे धारण किया जाए, तो वात, पित्त एवं कफ की समस्याएं स्वत: दूर हो जाती हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए भी रुद्राक्ष अत्यंत लाभप्रद माना गया है, जबिक त्वचा रोग में इसका असर देखने लायक होता है। लेप्रोसी के दोनों प्रकारों में यह फायदा पहुंचाने वाला माना जाता है। इसी प्रकार ब्लड प्रेशर एवं बीपी की समस्याओं से घिरे लोगों के लिए भी यह रामबाण औषधि मानी गई है। ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोग पांचमुखी रुद्राक्ष को एक ग्लास पानी में रात भर भिगोकर रख दें और सुबह जितनी जल्दी हो सके, उस पानी को पी लें। यह भी बताया गया है कि रुद्राक्ष धारण किए हुए व्यक्ति को अचानक हार्ट अटैक या बे्रन हैमरेज की शिकायत नहीं होती है। जो बच्चे अक्सर बीमार रहते हैं, उन्हें तीनमुखी रुद्राक्ष धारण करवाना चाहिए। इसी प्रकार अगर दसमुखी रुद्राक्ष के एक दाने को चूरकर उसे दूध के साथ दिन में तीन बार पिया जाए, तो इससे कफ की समस्या दूर होती है। इसके अलावा हिस्टीरिया, कोमा और महिलाओं से संबंधित बीमारियों में भी छहमुखी रुद्राक्ष असरकारक माना गया है।

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