श्री यंत्र और लक्ष्मी कृपा
श्रीयंत्र को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसमें मां लक्ष्मी का वास होता है, इसलिए इसे घर में रखने मात्र से भक्तों को धन लाभ होता है। अगर दीपावली के मौके पर श्रीयंत्र का विशेष रूप से उपयोग किया जाए, तो दीपावली का त्योहार आपके लिए खास हो सकता है।
- स्वर्ण, रजत, ताम्र अथवा पत्थर के समतल आधार पर श्रीयंत्र का निर्माण करना चाहिए तथा उसे दीपावली के दिन अपने पूजा गृह में स्थापित करें, तो इसका विशेष लाभ होगा।
- कपड़ा, कांसे, शीशे के आधार पर और दीवार पर श्रीयंत्र बनाकर उसका पूजन-अर्चन कभी नहीं करना चाहिए। इससे आपको संपत्ति का नुकसान हो सकता है।
- श्रीयंत्र का अभिषेक श्रेष्ठ माना गया है। दीपावली की रात में श्रीसूक्त और देव्यथर्वशीर्ष का पाठ करते हुए जो साधक श्रीयंत्र का अभिषेक करते हैं, उन्हें कई प्रकार की सिद्धियां मिल जाती हैं। यह अभिषेक शहद से करने पर सौभाग्य, दूध से करने पर आरोग्य, पंचामृत से करने पर ऐश्वर्य, नारियल के जल से करने पर पारिवारिक मान-सम्मान, हिमजल से करने पर राजनीति में सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- श्रीयंत्र का निर्माण केसर, सिंदूर, गेरू, लाह, सिंगरक, सफेद चंदन और लाल चंदन से करना श्रेष्ठ माना गया है। इन द्रव्यों के द्वारा भोज पत्र पर श्रीयंत्र का निर्माण करना चाहिए। अब इसे पूजा स्थान में रखकर उसकी पंचोपचार पूजा करें और गुलाब के पुष्प चढ़ाएं। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और भक्त की मनोकामना अवश्य पूर्ण होती हैं।
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