संबंध से जाने ग्रहो का हाल
ज्योतिष के अनुसार हमारे जीवन का हर एक क्षण ग्रहों से प्रभावित होता है। ऐसे में अगर हम अच्छे कर्म करते हैं, तो ग्रह खुश होते हैं और अगर हमारा आचरण खराब है, तो ग्रह नाखुश भी हो जाते हैं। जैसे अगर हम बेवजह कुत्तों को कष्ट पहुंचाते हैं, तो इससे राहु की उग्रता बढ़ने लगती है और अगर हम कुत्तों को भोजन करवाते हैं, तो राहु की नाराजगी कम होती है।
कर्म प्रधान विश्व रुचि राखा, जो जस करई तो तस फलि चाखा
सकल पदारथ है जग माही, कर्म हीन नर पावत नाही
यानी हम जैसा कर्म करते हैं, वैसा ही फल पाते हैं। हालांकि ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए रत्न और पत्थर भी हैं। पर जीव से संबंध स्थापित रखने से ग्रह अतिशीघ्र प्रसन्न हो सकते हैं। मसलन अगर पिता रुष्ट है, तो जातक पर सूर्य ग्रह भी रुष्ट होंगे। इसी तरह चंद्रमा को खुश करने से माता भी खुश रहती हैं। अगर मंगल रुष्ट है, तो भाई-बहन से रिश्ते खराब हो सकते हैं। इसी प्रकार हर ग्रह का जीवों से संबंध बताया गया है।
- सुर्य का पिता, सरकारी नोकर
- चन्द्र का माता
- मंगल का भाई, बहिन
- बुध का मामा, बेटी
- गुरु का गुरुजनो, बुजर्गो
- शुक्र का पत्नी प्रेमिका
- शानि का दास, नोकर से
- राहु का ससुर
- केतु का सास
आपके संबंध जैसे जिस से होगे, वैसे ही सम्बन्धित ग्रह होगे। या यह कहे कि ग्रह की शुभता - अशुभता को संबंधो से जान जा सकता हैं गलत नही होगा
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