ग्रह के उपरतन (Sub Stone for Stars)
ग्रह दोषों को ठीक करने के लिए ज्योतिष शास्त्र रत्नों एवं पत्थरों को धारण करने की सलाह देता है। रत्न बेशकीमती होते हैं। अत: हर व्यक्ति इन्हें खरीदने में सक्षम नहीं होता। पर ज्योतिष शास्त्र में साधारण व्यक्तियों के लिए उपरत्नों की भी व्याख्या की गई है। उपरत्न रत्नों का ही अविकसित रूप हैं, इसलिए ये भी लाभदायक होते हैं। हालांकि उपरत्न थोड़ा धीमा कार्य करते हैं। लगभग हर रत्न के लिए उपरत्न होते हैं। मसलन सूर्य के रत्न माणिक्य के स्थान पर आप तामड़ा, सूर्यकांत या मैसूरी धारण कर सकते हैं। चंद्र रत्न मोती की जगह मून स्टोन, सफेद हकीक या सीप धारण कर सकते हैं। मंगल रत्न मूंगा के स्थान पर विद्रुम मणि, राता या सिंदूरिया पहन सकते हैं,
जबकि बुध की शांति के लिए पन्ना की जगह पन्नी, पेरीडॉट, मरगज या ओनेक्स पहनना लाभप्रद हो सकता है। गुरु की शांति के लिए पुखराज रत्न के स्थान पर सुनहला, धुनैला या पीला हकीक धारण किया जा सकता है। वहीं शुक्र के रत्न हीरा के स्थान पर जातक सफेद तुरमली, ओपल या स्फटिक धारण कर सकते हैं। अगर शनि की शांति करनी हो और नीलम खरीदने में असमर्थ हों, तो जातक के लिए नीली, कटैला, जमुनिया या गन मेटल धारण करना श्रेष्ठ होगा। इसी प्रकार राहु रत्न गोमेद की जगह तुरसावा, अंबर या संग साफी धारण किया जा सकता है तथा केतु के स्थान पर लहसुनिया की जगह अलेक्जेंड्राइट, श्येनाक्ष या कार्केतक धारण करने से जातकों को लाभ मिल सकता है
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