शिव की उपासना करे (Shiva Pujan for Monday and Shivaratri)
पुण्येन जायते पुत्र: पुण्येन लभते श्रियम। पुण्येन रोगनाश: स्यात सर्वशास्त्रेण सम
माता पार्वती को समझाते हुए भगवान् शिव कहते हैं, ‘प्रियतमे ! पुण्य कर्मों से ही वंश की वृद्धि होती है। पुण्य कर्म करने से ही जीव कीर्तिवान होता है और इसी पुण्य कर्म में लगे रहने से शरीर के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं।’
"ॐ नम: शिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नम: शिवाय।"
इस मंत्र का जप करते रहें। साथ ही "ॐ नमो भगवते रुद्राय" का जप भी कर सकते हैं। ऐसा जपते हुए बेलपत्र पर चंदन या अष्टगंध से राम-राम लिखकर शिव पर चढ़ाएं। पुत्र की इच्छा रखने वाले शिव भक्त मंदार पुष्प से, घर में सुख-शांति चाहने वाले धतूरे के पुष्प अथवा फल से शत्रुओं पर विजय पाने वाले अथवा मुकदमों में सफलता की इच्छा रखने वाले लोग भांग से शिव की पूजा करें, तो सभी तरह की पराजय की संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी। संपूर्ण कष्टों और पुनर्जन्मों से मुक्ति चाहने वाले मनुष्य गंगा जल और पंचामृत चढ़ाते हुए
ॐ नमो भगवते रुद्राय, ॐ तत्पुरुषाय विध्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।
यह मंत्र पढ़ते हुए सभी सामग्री जो भी यथासंभव हो समर्पण भाव से शिव को अर्पित करें। आज आप श्रद्धा भाव और विश्वास के साथ जो भी करेंगे महादेव आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे।
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