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रत्न ही नहीं, उपरत्नों में भी इतनी शक्ति होती है, जिससे व्यक्ति की ग्रह दशा सुधर सकती है। इसलिए ज्योतिष ग्रंथों में अनेक रत्नों के साथ-साथ उपरत्नों के उपयोग की बात भी बताई गई है। जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थिति में हो, उन्हें मोती धारण करने की सलाह ज्योतिषी देते हैं। पर यह महंगा रत्न है, जिसे खरीद पाना हर किसी के वश की बात नहीं होती। इसलिए ऐसे जातकों को इसके उपरत्न मून स्टोन धारण करने की सलाह दी जाती है। हिंदी में इसे चंद्रकांत मणि कहा जाता है। इसमें भी मोती की तरह ही गुण होते हैं। यह मन को शांत करता है और सौंदर्य देता है। यह सस्ता और सुलभ है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को सौभाग्य मिलता है और यह उनके प्रणय संबंधों को अच्छा करने में महत्वपूर्र्ण भूमिका निभाता है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे धारण करने पर केवल इसका लाभ मिलता है, न कि यह किसी तरह का नकारात्मक असर दिखाता है। अगर पूर्णिमा के दिन इसे धारण किया जाए, तो ज्यादा प्रभावशाली होता है। ऐसा नहीं कि केवल मनुष्यों के लिए ही यह लाभप्रद है। बल्कि जो वृक्ष फल नहीं देते हों, उन पर मून स्टोन टांग देने से वह फल देने लगते हैं। इसे धारण करने से कीर्ति बढ़ती है और हर तरह का भय दूर जाता रहता है। यह भी माना जाता है कि मून स्टोन को मुंह में रखने से व्यक्ति को यह अहसास हो जाता है कि कौन-सा काम करना उसके लिए लाभदायक रहेगा। इसलिए इसे दैवीय शक्ति वाला रत्न भी कहा जाता है। इसे कोई भी स्त्री-पुरुष धारण कर सकते हैं। ज्योतिष के अनुसार कर्क राशि के जातकों के लिए यह लाभदायक है।
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