Pure Ghee is a Medicine
घी हमारे दैनिक जीवन का अहम हिस्सा है। मुख्य रूप से भोजन में इस्तेमाल किए जाने वाले घी से शरीर को कई फायदे होते हैं। यह दो प्रकार का होता है, वनस्पति और देसी। वनस्पति घी विभिन्न वनस्पतियों से तैयार किया जाता है, जबकि देसी घी मक्खन से बनता है। यह घी पौष्टिक, गरिष्ठ, स्निग्ध, शीतवीर्य और रुचिकारक होता है। इसमें वसा और विटामिन काफी मात्रा में पाए जाने की वजह से यह पुष्टिदायक, बलकारक, आयुवर्द्धक तथा नेत्र ज्योति बढ़ाने वाला होता है। ऐसा माना जाता है कि भैंस के घी के मुकाबले गाय के दूध से बना घी ज्यादा उपयोगी माना जाता है। इसे उदर, श्वास, चर्म तथा हृदय रोगों में बहुत कारगर माना गया है। इसके अलावा मानसिक दुर्बलता, शारीरिक कमजोरी, क्षय रोग, गर्मी के छाले और पित्त रोग में भी शुद्ध घी लाभदायक माना गया है।
- अगर टीबी रोग का मरीज शुद्ध घी और मिश्री को मिलाकर सेवन करे, तो उसक रोग दूर होता है।
- यदि त्वचा छिल जाए, घाव हो या चोट आदि लग जाए, तो पुराना घी प्रभावित स्थान पर लगाने से तत्काल लाभ होता है। घी में जख्मों को भरने की क्षमता होती है।
- अगर लगातार आ रही हिचकी से परेशान हैं, तो गाय के घी में सेंधा नमक मिलाकर सूंघें, लाभ होगा।
- घी में बूरा तथा काली मिर्च मिलाकर खाने से शरीर की कमजोरी दूर होती है और नेत्र ज्योति बढ़ जाती है।
- अगर अचानक नकसीर फूट जाए, तो नाक में घी टपकाने से रक्त का बहाव रुक जाता है।
- गरम दूध में घी मिलाकर पीने से आंतें मुलायम होती हैं और पुराना कब्ज दूर हो जाता है।
- घी में देसी गुड़ मिलाकर आग पर रख दें। इसके पिघलने पर सेवन करें। इससे श्वास और खांसी में आराम मिलता है।
- अगर मुंह में छाले निकल जाएं, तो रात में घी मलकर सो जाएं। मुंह के छाले नष्ट हो जाएंगे।
- सर्दी के मौसम में होठ फटने की शिकायत हो, तो घी में जरा-सा नमक मिलाकर होंठों और नाभि पर लगाएं, होंठों का फटना बंद हो जाएगा।
- अगर कोई व्यक्ति नियमित रूप से घी का सेवन करता है, तो स्मरण शक्ति बढ़ जाती है।
- रात्रिकाल में सोते समय घी को चेहरे पर अच्छी तरह मलें। सुबह गुनगुने पानी से चेहरा धो लें। कुछ ही दिनों में आपका चेहरा दाग-धब्बों और झुर्रियों से मुक्त हो जाएगा।
- सिर पर हल्के गरम घी की मालिश से गरमी या ठंड से होने वाला सिरदर्द दूर हो जाता है।
- शराब का नशा उतारने के लिए 2-2 चम्मच घी और चीनी मिलाकर चाटें। लाभ होगा।
- अगर कुत्ते ने काट लिया हो, तो जख्म वाले स्थान पर गाय के गरम घी से भीगी पट्टी रखें। विष का नाश हो जाएगा।
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