
अगर संगीत का कोई वाद्य यंत्र वास्तु दोष को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, तो यह किसी भी घर के लिए खुशी की बात होगी। ऐसा ही एक वाद्य है बांसुरी। यह श्री कृष्ण का प्रिय वाद्य यंत्र रही है। इसे शांति और शुभता का भी प्रतीक माना जाता है साथ ही यह प्राण वायु प्रदान करने मे मददगार साबित हो सकती हैं। इसलिए इसे वास्तु दोष निवारक भी कहा गया है। भवन में जहां कहीं भी दोष हो, वहां बांसुरी का उपयोग दोष दूर कर देता है। पर यहां ध्यान देना जरूरी है कि बांसुरी कभी भी सीधी नहीं लगानी चाहिए, बल्कि इसे हमेशा तिरछा लगाने से लाभ मिलता है। साथ ही बांसुरी का मुंह हमेशा नीचे रहना चाहिए। बांसुरी के कुछ लाभदायक प्रयोग भी हैं।
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