Totka for Property, Illiness and Peace
घर में किसी तरह के क्लेश रहते हों या किसी बीमारी से परेशान हैं, तो इसके लिए तंत्र शास्त्र में कई
छोटे-छोटे उपाय बताए गए हैं। ये सरल होने के
साथ-साथ कारगर भी हैं। इनके बारे में आप भी जानें:
हृदय संबंधी कोई विकार हो, तो एकमुखी या सोलहमुखी रुद्राक्ष
धारण करें। इनके न मिलने पर ग्यारहमुखी, सातमुखी अथवा पांचमुखी रुद्राक्ष
का उपयोग भी कर सकते हैं। धारण
करने से पहले रुद्राक्ष को सावन मास में किसी प्रदोष व्रत के दिन अथवा सोमवार के दिन, गंगाजल से स्नान कराकर शिवजी पर
चढ़ाएं। संभव हो, तो रुद्राभिषेक करें या शिवजी पर ‘ॐ नम: शिवाय’ बोलते हुए दूध से अभिषेक करें। इस प्रकार अभिमंत्रित
रुद्राक्ष को काले डोरे में पिरोकर गले में पहन लें। इससे हृदय संबंधी बीमारी में
राहत मिलती है।
घर में नित्य घी का दीपक जलाएं। दीपक
की लौ पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर रखें। इसके अलावा रात्रि के समय शयनकक्ष में कपूर
जलाएं।इससे घर में बीमारियां नहीं आती। पितृदोष का नाश होता है और घर में शांति
बनी रहती है।
पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी में खीर
बनाएं। ठंडी होने पर चंद्रमा और अपने पितरों को भोग लगाएं। इसमें से कुछ खीर
काले कुत्तों को भी दे दें। इस उपाय को पूरे वर्ष करें। ऐसा करते रहने से गृह क्लेश, बीमारी तथा व्यापार-हानि से मुक्ति मिलती है।
पुत्र बीमार हो, तो कन्याओं को हलवा खिलाएं। पीपल
के पेड़ की लकड़ी सिरहाने रखकर सोएं। यदि पत्नी बीमार रहती हो, तो गौ-दान करें।
सोते हुए अपना सिर हमेशा पूर्व या
दक्षिण दिशा की तरफ रखना चाहिए। दक्षिण दिशा की ओर सिर कर के सोने वाले व्यक्ति
में चुम्बकीय बल रेखाएं पैर से सिर की ओर जाती हैं, जो अधिक से अधिक रक्त खींच कर सिर की ओर लाएंगी, जिससे व्यक्ति विभिन्न रोगों से मुक्त
रहता है। उसे नींद भी अच्छी आती है।
जिस घर की स्त्री हमेशा बीमार रहती हो, उस घर में तुलसी का पौधा लगाकर
उसकी श्रद्धापूर्वक देखभाल करें। रोग
आदि पीड़ा से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा मंदिर में गुप्त दान भी कर सकते हैं। रविवार के दिन
बूंदी के सवा किलो लड्डू मंदिर में प्रसाद के रूप में
बांटें।
किसी भी रविवार से आरंभ करके लगातार 3 दिन तक गेहूं के आटे का पेड़ा और
एक लोटा पानी बीमार व्यक्ति के ऊपर से उतार
लें। जल को पौधे में डालें और पेड़ा गाय को खिला दें।
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