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Characteristics of Emblica or Amla


आंवले में सारे रोग दूर करने के गुण व शक्ति होती है। बशर्ते की विटामिन-सी से भरपूर आंवले को किसी न किसी रूप में रोज सेवन किया जाए। शास्त्रों में तो आंवले को अमृत भी कहा गया है। पद्मा पुराण के एक प्रसंग में भगवान शंकर कार्तिकेय जी को आंवले के महत्व के बारे में बताते हुए कहते हैं कि आंवले का फल परम पवित्र है। यह भगवान विष्णु को प्रसन्न करनेवाला एवं शुभ है। आंवला खाने से आयु बढ़ती है। इसका रस पीने से धर्म का संचय होता है और रस को शरीर पर लगा कर स्नान करने से दरिद्रता दूर होती है और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। जिस घर के आसपास आंवले का पेड़ मौजूद हो, वहां दैत्य और राक्षस कभी नहीं आते। जो साधक दोनों पक्षों की एकादशियों को आंवले का रस प्रयोग कर स्नान करता है, उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। आंवले के दर्शन, स्पर्श तथा नाम उच्चारण से भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए अपने घर में आंवला अवश्य रखना चाहिए। आंवले का बना मुरब्बा व नैवेद्य भगवान विष्णु को अर्पण करने से वे शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। आंवले का सेवन करने वाले मनुष्यों की उत्तम गति होती है। रविवार, विशेषत: सप्तमी को आंवले का फल त्याग देना चाहिए। शुक्रवार, प्रतिपदा, षष्ठी, नवमी, अमावस्या और संक्रांति को भी आंवले का सेवन नहीं करना चाहिए।

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