Somvaar Vart
सोमवार व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर तीसरे पहर तक किया जाता है। भोजन में फलाहार का
विधान है। अगर आप किसी कारणवश फल पर नहीं रह सकते, तो एक बार भोजन बिना नमक का कर सकते हैं।
कैसे करें पूजा : सोमवार के व्रत में
सुबह स्नान के बाद मंदिर या घर पर श्री गणेश जी की पूजा के साथ शिव-पार्वती और नंदी की पूजा
करनी चाहिए।शिव पूजन सामग्री के
रूप में इस दिन जल, दूध, दही, चीनी, घी, शहद, पंचामृत, कलावा, वस्त्र, यज्ञोपवीत (जनेऊ), चंदन, रोली, चावल, फूल, बिल्व पत्र, दुर्वा, आक, धतूरा, कमलगट्टा, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, पंचमेवा, धूप, दीप आदि
विशेष महत्व रखते हैं। दक्षिणा भी
ब्राह्मणों को देनी चाहिए। इसके पश्चात् सोलह सोमवार व्रत कथा का महात्म्य सुनना
चाहिए। अंत में कपूर से आरती उतारकर भजन-कीर्तन करना चाहिए। पूजन के पश्चात् एक बार भोजन ग्रहण करना चाहिए। संभव हो तो खुद या ब्राह्मणों से
रुद्राभिषेक का पाठ करवाना चाहिए। इस तरह विधिपूर्वक पूजा कर आप बम भोले को प्रसन्न कर पाएंगे।
सोमवार का व्रत नियमित रूप से करने से भगवान शिव तथा देवी पार्वती की
अनुकंपा बनी रहती है। जीवन धन-धान्य से भर जाता है।
यदि विवाह कामना से सावन माह में पूजा
करनी है, तो फिर शिव के संग गौरी की भी पूजा करनी चाहिए। विधिपूर्वक पूजा कर मां-गौरी से
शीघ्र विवाह की कामना करें। इससे
मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।
विद्यार्थियों को सोमवार का व्रत रखने और शिव मंदिर में जलाभिषेक करने से
विद्या और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
नौकरीपेशा या व्यापारी को सावन के सोमवार व्रत करने से धन-धान्य और लक्ष्मी
की वृद्धि होती है।
क्या करें :सोमवार के व्रत के दिन गंगाजल से स्नान करना चाहिए। इस दिन शिव मंदिर में जाकर श्रद्धापूर्वक शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए। यह सब साधन शिवजी की कृपा प्राप्त करने के लिए है। अगर आप सोमवार का व्रत रखते हैं, तो त्रुटियों के लिए क्षमा जरूर मांगें, तो भोले-भंडारी माफ कर देते हैं और मनोवांछित वर देते हैं।
खास सावन के प्रथम सोमवार को भगवान शिव को एक
मुट्ठी चावल चढ़ाएं। इसी तरह दूसरे सोमवार को एक मुट्ठी सफेद तिल, तीसरे सोमवार को एक मुट्ठी साबुत मूंग, चौथे सोमवार को जौ एक मुट्ठी और यदि
पांचवां सोमवार आए, तो एक मुट्ठी सत्तू चढ़ाएं। इससे भगवान शिव प्रसन्न
होते हैं।
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