Header Ads

ad

Saturn in Libra शनि तुला राशि में बदलेगा भाग्य



ज्योतिष के अनुसार सूर्य पुत्र शनि अपने पिता सूर्य की परिक्रमा करते हुए लगभग 30 वर्ष बाद इस साल 15 नवंबर माह में तुला राशि में प्रवेश करेंगे। हालांकि शनि के राशि परिवर्तन को लेकर पंचांगों में मतभेद है। अधिकांश पंचांग 15 नवंबर 2011 को शनि का राशि परिवर्तन बता रहे है, वहीं कुछ पंचांगों ने यह परिवर्तन 2 नवंबर को बतलाया है। इस राशि में शनिदेव अक्तूबर 2014 के अंत तक संचार करेंगे। लगभग सभी राशियों पर इसका शुभाशुभ प्रभाव पड़ेगा। जहां एक ओर वृश्चिक राशि की साढ़ेसाती प्रारंभ हो जाएगी, वहीं दूसरी ओर सिंह राशि की साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी। वृष, सिंह एवं धनु राशि वालों पर शनि की विशेष कृपा दृष्टि रहेगी,

मेष: राशि वालों को अब तक मिल रही शनि की कृपा दृष्टि नवंबर 2011 से विमुख हो जाएगी। कार्यों में व्यवधान आएंगे। किसी की जमानत न दें। संपत्ति आदि क्रय करते समय भी विशेष सावधानी बरतें। संतान पक्ष से हर्ष मिलेगा।

वृष: राशि के जातकों के लिए शनि का तुला राशि में प्रवेश विशेष फायदेमंद रहेगा। आपके शत्रु पराजित होंगे। धन लाभ का योग बनेगा। प्रॉपर्टी की प्राप्ति एवं दांपत्य जीवन में अनुकूलता रहेगी। व्यवसाय में लाभ और ऋणों से मुक्ति मिलेगी।

मिथुन: राशि वालों के लिए नवंबर का माह ढैय्या से छुटकारा पाने का है। इनकी आय के नए स्रोत बनेंगे। लेकिन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह समय अच्छा नहीं है। अविवाहितों के लिए विवाह का योग है। कुछ जातकों के लिए स्थान परिवर्तन के योग भी हैं।

कर्क: राशि वालों को नवंबर 2011 से शनि की ढैय्या का सामना करना पड़ेगा। आपकी धन लाभ की इच्छा पूर्ण नहीं होगी। इसलिए निवेश के लिए यह समय ठीक नहीं है।

सिंह: के जातकों को यह माह साढ़ेसाती से निजात मिलेगी। इनकी मोज आ जायेगी क्योकि शनि इसी राशि से ज्यादा चिडत हैं। इनके लिए सफलताओं का युग आरंभ हो जाएगा। नौकरी, व्यवसाय, स्वास्थ्य, विवाह बंधन सभी क्षेत्रों में कार्य सिद्धि होगी।

कन्या: राशि वालों के लिए शनि का राशि परिवर्तन कोई राहत नहीं लेकर आया है। जीवनसाथी के साथ मतभेद, माता-पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जैसी समस्याएं रहेंगी। भाई-बहनों व रिश्तेदारों के साथ चाहते हुए भी आप सहयोग नहीं कर पाएंगे।

तुला: राशि वालों के लिए शनि का अपनी ही राशि में गोचर भ्रमण करते ही साढ़ेसाती का मध्य चरण प्रारंभ हो जाएगा। यह समय नौकरीपेशा तथा व्यापारी वर्ग के लिए अनुकूल नहीं कहा जा सकता। आपके कार्य की सिद्धि तो होगी, पर कठिनाइयों के बाद।

वृश्चिक: राशि के जातकों पर यह समय साढ़ेसाती के आरंभ का है, जिससे नौकरी में अवरोध, व्यवसाय में हानिप्रद स्थिति तथा स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव की आशंका है।

धनु: राशि वालों के लिए शनि का यह परिवर्तन विशेष लाभदायक रहेगा। पुरानी समस्याओं और रोगों से मुक्ति मिलेगी। नौकरी में पदोन्नति होगी। शत्रु पराजित होंगे।

मकर: राशि के जातकों के लिए शनि का परिवर्तन बौद्धिक विकास लेकर आया है। पारिवारिक क्लेश आपकी चिंता बढ़ा सकता है, स्वास्थ्य की दृष्टि से समय अनुकूल है।

कुंभ: राशि वालों को नवंबर 2011 से शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी, जिससे भाग्य साथ देने लगेगा। संतान संबंधी चिंता रह सकती है। धन हानि कम होगी, शत्रु पराजित होंगे।

मीन: वालों पर नवंबर से शनि की ढैय्या प्रारंभ हो जाएगी। नौकरीपेशा लोग उच्चाधिकारी से वाद-विवाद में न उलझें। यदि आप व्यापारी हैं, तो व्यापारिक लाभ के लिए व्यर्थ के कार्य नहीं करें।

उपाय : हनुमान जी की आराधना, शनि यंत्र का पूजन, काली वस्तुओं किसी से दान मे मत लेना उनका दान करना, पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीया शनिवार को जलाना।

1 comment:

  1. shree maan ji aap ke lekh ache he or ache lagte he achahe kaisa bhi lekh ho muzhe aap ke lekh hamesha acche lagte he

    ReplyDelete

अगर आप अपनी समस्या की शीघ्र समाधान चाहते हैं तो ईमेल ही करें!!