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मंत्र से करें बीमारी ठीक (Healing Health with Mantra)


हमारा शरीर कई तरह की समस्याओं से जूझता रहता है, जबकि इसे फिट रखने के कई उपाय हमारे सामने ही होते हैं। जैसे कि व्यायाम, शारीरिक मेहनत, दवाइयां आदि। लेकिन कई लोगों को ये उपाय कठिन लगते हैं। अत: वे शारीरिक परेशानियों और बीमारियों को झेलते रहते हैं। पर कुछ ही लोग जानते हैं कि स्वस्थ शरीर के लिए व्यायाम और दूसरे शारीरिक स्वास्थ्य की प्रक्रियाओं के अलावा मंत्रों की शक्ति भी लाभप्रद होती है। पर एक ही मंत्र हर बीमारी के लिए उपयुक्त नहीं होता है। बल्कि शास्त्रों में हर एक रोग के लिए अलग-अलग मंत्रों की व्याख्या की गई है। कुछ मंत्र तो किसी खास बीमारी के अनुसार ही बताए गए हैं। पर इन मंत्रों का जप करने का अलग नियम है, जिसका पालन करना आवश्यक माना जाता है।

कैसे और क्या करें 
मंत्र जप के लिए आप इस सामान की व्यवस्था करें। आसन(कुश/ऊनी), गोमुखी, रुद्राक्ष माला, पंचमात्र, आचमनी और शुद्ध जल।

आचमन क्रिया
प्रथम आचमन - ॐ केशवाय नम:
द्वितीय आचमन - ॐ नारायणाय नम:
तृतीय आचमन - ॐ माधवाय नम:
चतुर्थ आचमन - हस्त प्रक्षालन।
ॐ गोविंदाय नम: बोलकर हाथ धो लें।

पूर्व अथवा पश्चिम की तरफ मुख करके स्नानादि करके शुद्ध कपड़े पहनकर आसन बिछाएं। अब उपरोक्त विधि से आचमन करें और रोगानुसार मंत्र चयन कर पांच माला जप नियमित करें। माला गौमुखी में रखें और गौमुखी से तर्जनी उंगली बाहर रखें और मंत्र जप करें। मंत्र जप न बहुत तेजी से हो और न ही धीमे, पर स्पष्ट उच्चारण आवश्यक शर्त है। एक दिन में एक ही समय मंत्र जप करें। जप की संख्या बढ़ा भी सकते हैं।

कैंसर रोग
ॐ नम: शिवाय शंभवे कर्केशाय नमो नम:।
यह मंत्र किसी भी तरह के कैंसर रोग में लाभदायक होता है।

मस्तिष्क रोग
ॐ उमा देवीभ्यां नम:।
यह मंत्र मस्तिष्क संबंधी विभिन्न रोगों जैसे सिरदर्द, हिस्टीरिया, याददाश्त जाने आदि में लाभदायी माना जाता है।

आंखों के रोग
ॐ शंखिनीभ्यां नम:।
इस मंत्र से जातक को मोतियाबिंद सहित रतौंधी, नेत्र ज्योति कम होने आदि की परेशानी में लाभ मिलता है।

हृदय रोग
ॐ नम: शिवाय संभवे व्योमेशाय नम:।
हृदय संबंधी रोगों से अधिकांश लोग पीड़ित होते हैं। इसलिए अगर वे इस मंत्र का जप करें, तो उन्हें लाभ मिलता है।

स्नायु रोग
ॐ धं धर्नुधारिभ्यां नम:।

कान संबंधी रोग
ॐ व्हां द्वार वासिनीभ्यां नम:।
कर्ण विकारों को दूर करने में यह मंत्र आश्चर्यजनक भूमिका निभाता है।

कफ संबंधी रोग
ॐ पद्मावतीभ्यां नम:।

श्वास रोग
ॐ नम: शिवाय संभवे श्वासेशाय नमो नम:।

पक्षाघात रोग
ॐ नम: शिवाय शंभवे खगेशाय नमो नम:।

इन मंत्रों की शक्ति से रोग भागते हैं मंत्रों में गजब की शक्ति होती है। इनका नियमित जप न केवल जातक को मानसिक शांति देता है, बल्कि उन्हें होने वाली गंभीर बीमारियों को भी दूर भगा सकता हैं अब आप कितना करते है यह तो आप पर निर्भर करता हैं। यह पोस्ट खासकर उन लोगों के लिए हैं जो मुझे मंत्र का चम्तकार दिखाने के लिए अकसर कहते रहते हैं। वह जरुर इन प्रयोग को करके देख उन्हे मंत्रो की शक्ति का ज्ञान हो जाएगा एवं शायद मेरी बातो पर कुछ यकीन भी। इसमे कोई अतिशोक्ति नही यदि कुछ रोग जड से सामाप्त हो जाये। यह आप और ईश्वर पर ही हैं क्योकि मन की शक्ति से बडी परमात्मा ने कोई शक्ति नही बनाई एवं मंत्र मन की ताकत से ही काम करते हैं।

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