राक्षसों के गुरु ग्रह शुक्र हर राशि में एक माह रहते हैं और एक साल में अपना चक्र पूरा करते हैं।
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इनका ज्यादा प्रभाव वृष और तुला राशि पर होता है। बुध और शनि इनके मित्र और सूर्य तथा चंद्रमा शत्रु कहे जाते हैं। इनके प्रभाव वाले जातक प्रसन्नचित, खूबसूरती और ग्लैमर पसंद करने वाले माने जाते हैं। अगर कुंडली में शुक्र ग्रह अशुभ प्रभाव वाले हो जाएं, तो जातक की आंखों, गले, त्वचा और किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। अंकशास्त्र के अनुसार इनका अंक 6 है और शुक्र की दशा किसी की कुंडली में बीस वर्ष तक रहती है। लेकिन ज्योतिष में इनका महत्वपूर्ण स्थान है। अगर शुक्र ग्रह को अनुकूल बनाना हो, तो प्रतिदिन श्रीसूक्त, देवी स्तुति और दुर्गा चालीसा का पाठ लाभप्रद हो सकता है। चांदी, सोना, घी, चावल, सफेद वस्त्र, सफेद चंदन, हीरा, सफेद घोड़े, चीनी, दही आदि शुक्रवार को दान करना भी लाभ देता है। मां लक्ष्मी को पंचामृत से स्नान कराना भी शुक्र को प्रसन्न कर सकता है। साथ ही माता लक्ष्मी को सफेद फूलों और चंदन के पेस्ट से नियमित पूजना भी श्रेयस्कर रहेगा। छह या बारहमुखी रुद्राक्ष धारण करने से भी शुक्र की कृपा मिलती है।
कभी भी स्वराशि और उच्च राशि के ग्रह के दान भुलकर भी मत करना।
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