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Hanumaan Ji (हनुमान जी की पूजा)

मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। इस दिन इनकी विशेष पूजा से साधक का हर मनोरथ सिद्ध होता है। अगर भगवान हनुमान को दीपदान किया जाए, तो साधक की हर इच्छा तत्काल पूर्ण होने की बात कही जाती है। इसके लिए पंचधान्य गेहूं, तिल, उड़द, मूंग और चावल को समान भाग में लें और सोमवार के दिन इन्हें नदी के शुद्ध जल में भिगो दें। 

अब इसे मंगलवार को किसी कुंवारी कन्या से इन्हें पिसवा लें। पिंडी तैयार हो जाने पर तीन, पांच, सात, नौ, ग्यारह और इक्कीस में से किसी एक संख्या में दीपक तैयार कर लें। उसमें लाल रंग के सूत की बत्ती डालें और गाय का शुद्ध घी या शुद्ध सरसों का तेल आवश्यकतानुसार दीपक में डाल दें। अब सायं संधिकाल में दीपक प्रज्जवलित कर गुगूल की धूनी दें। सुगंधित धूप अर्पित करें। सिंदूर मिश्रित चावल व लाल पुष्प लेकर प्रत्येक मंत्र के साथ दीप के समीप अर्पित करें। 

मंत्र ॐ सुग्रीवाय नम:। ॐ अंगदाय नम:। ॐ सुषेणाय नम:। ॐ नलाय नम:। ॐ नीलाय नम:। ॐ जाम्वंताय नम:। ॐ प्रहस्ताय नम:। ॐ सुवेषाय नम:। ॐ अंजना पुत्राय नम:। ॐ रुद्रमूर्तय नम:। ॐ वायुसूताय नम:। ॐ जानकी जीवनाय नम:। ॐ रामदूताय नम:। ॐ ब्रह्मास्र निवारणाय नम:। 

इसके बाद नैवेद्य के रूप में बेसन के लड्डू अथवा गुड़ और चना अर्पित करें और ॐ हं हनुमताय नम: मंत्र का एक माला जप करें। अगर आप स्फटिक शिवलिंग के समीप, शालिग्राम के समीप हनुमान जी के निमित्त दीपदान करें, तो आपकी कई समस्याएं समाप्त होने के साथ ही, लक्ष्मी की प्राप्ति भी होती है। 

विघ्न तथा महान संकटों का नाश करने के लिए गणेश जी के निकट हनुमान जी का दीपदान किया जा सकता है। इसी प्रकार अगर भयंकर विष तथा व्याधि का भय हो, तो हनुमान विग्रह के समीप दीपदान किया जा सकता है। इसी प्रकार व्याधिनाश तथा दुष्ट ग्रहों की दृष्टि से रक्षा के लिए चौराहे पर दीपदान किया जा सकता है। किसी भी तरह के कानूनी मामलों से मुक्ति और संपूर्ण कार्यों की सिद्धि के लिए पीपल या वट वृक्ष की जड़ में दीपदान करना शुभ माना गया है।

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