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Read Your Face

ज्योतिष में जहां ग्रहों की स्थिति देखकर जातक के बारे में सब कुछ जाना जा सकता है, उसी प्रकार हस्तरेखा से भी जातक के बारे में काफी जानकारी हासिल की जा सकती है। ठीक इसी प्रकार अंग लक्षण विज्ञान के द्वारा मानव के चेहरे व शरीर को देखकर कई ऐसी जानकारियां हासिल की जा सकती हैं, जिससे उसके स्वभाव या भविष्य के बारे में पता चल सके। ऐसे लक्षणों का वर्णन पुराणों में भी किया गया है। 

चेहरा : भविष्य पुराण में बताया गया है कि सुंदर और कांतियुक्त चेहरे वाले व्यक्ति राजा के समान भाग्यशाली होते हैं। बकरे या बंदर के समान मुख वाले धनी होते हैं, जबकि बड़े मुख वाले जातक दुर्भाग्यशाली होते हैं। इसी प्रकार छोटे मुख के जातक कृपण, लंबे मुख वाले धनहीन व चौकोर मुख वाले धूर्त माने जाते हैं। 

गाल : भविष्य पुराण में यह भी बताया गया है कि कमल के समान कोमल और गुलाबी गाल वाले लोग धनी होते हैं। उंचे गाल वाले धनी और मांसल गाल वाले व्यक्ति उच्च पद तक पहुंचने वाले होते हैं। जिन व्यक्तियों के गाल में सिंह, बाघ व हाथी की तरह समानता हो, वे विविध भोग व संपत्तियों को प्राप्त करते हैं। 

आंख : जिन जातकों की आंखें कमल या जिनके नेत्र अनार के पुष्प के समान हो, वे लक्ष्मीवान होते हैं। शहद के समान पीले नेत्रों वालों को भी लक्ष्मी की कृपा सदैव मिलती रहती है। बिल्ली और हंस के समान आंखों वाले जातक विश्वासपात्र नहीं होते, जबकि हाथी के समान नेत्र वाले राजा, गहरे नेत्र वाले ऐश्वर्यशाली व नीलकमल के समान नेत्र वाले विद्वान होते हैं। 

भौंह : अगर किसी जातक की भौंह मध्य से उंची उठी हो, तो वे अल्पायु होते हैं। जबकि बड़ी और उंची भौंह वाले अतिसुखी, छोटी-बड़ी असमान भौंह वाले निर्धन, बाल चंद्रमा के समान झुकी हुई भौंह वाले धनवान, लंबी परंतु बिना मिली भौंह वाले लक्ष्मीवान, टूटी हुई भौंह वाले निर्धन व बीच में झुकी भौंह वाले पापकर्म में रुचि लेने वाले होते हैं। 

नाक : जिन जातकों की नाक तोते के समान होती है, वे भोगी व सुखी होते हैं। मांसरहित नाक वाले दीर्घायु, लंबी नाक वाले भाग्यशाली जातक होते हैं। जबकि चपटी नाक वालों को स्त्री द्वारा हानि उठानी पड़ती है। जिनकी नाक आगे से टेढ़ी हो, वे धनी, दाहिनी ओर झुकी नाक वाले अधिक खाने वाले व कठोर ह्रदय तथा छोटे छिद्रों से युक्त सीधी, सुंदर व पुष्ट नाक वाले धनी व भाग्यशाली होते हैं। 

कान : जिन जातकों के कान चपटे होते हैं, वे भोगी व रोगी होते हैं। जिनके कान छोटे हों वे कृपण तथा शंकु के समान आगे से तीखे कान वाले राजा, रोमयुक्त कान वाले दीर्घायु, बड़े कान वाले धनी तथा लंबे व पुष्ट कान वाले जातक धनी, सुखी व देवताओं को पूजने वाले होते हैं। 

दांत : जिन जातकों के दांत पुष्प की कली के समान उज्जवल हो, वे राजा, हाथी के सदृश और चिकने दांत वाले गुणवान होते हैं। भालू और बंदर के समान दांत वाले सदैव भूख से व्याकुल रहते हैं। तीस दांत वाले सुख व दु:ख भोगने वाले तथा इकत्तीस दांत वाले भोगी होते हैं। बत्तीस दांत वाले राजा और उनतीस दांत वाले दु:ख भोगने वाले होते हैं। 

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