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सप्ताह के व्रत (Weeky Fast)

सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देव विशेष को समर्पित होता है और उनके व्रत का भी विधान होता है

रविवार : इस दिन का उपवास भगवान सूर्य अथवा सूर्यनारायण को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस व्रत में लाल रंग की महत्ता होती है। लाल रंग के फूल, लाल चंदन आदि से पूजा की जाती है। रविवार का व्रत रखने वाले उपासक दिन में एक बार ही भोजन करते हैं, वह भी सूर्यास्त से पूर्व। नमक, तेल और तला भोजन वर्जित होता है। इस व्रत के लिए अपने शरीर और आसपास के वातावरण की शुद्धता पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है।

सोमवार : इस दिन का उपवास भगवान शिव और मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। खासकर सावन के सोमवार का खास महत्व है। इस व्रत में भोजन केवल सायं की प्रार्थना के बाद ही किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन उपवास रखने वालों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यदि अविवाहित युवतियां इस व्रत को करें, तो उनका विवाह जल्द हो जाता है और मनचाहा वर मिलता है।

मंगलवार : इस दिन का व्रत महावीर हनुमान और भगवान मंगल को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। जिनकी कुंडली में मंगल की दशा ठीक नहीं होती, उनके लिए यह व्रत विशेषकर फलदायी है। मंगल का व्रत करने से पुत्र की प्राप्ति होती है और परिवार में खुशी बनी रहती है। इस दिन के व्रत में केवल संध्या के समय मीठा भोजन किया जाता है।

बुधवार: यह दिन भगवान श्री कृष्ण व ग्रह बुध को समर्पित है। देश के कई भागों में इसे भगवान विट्ठल और विष्णु की आराधना के लिए माना जाता है। यदि पति-पत्नी इस व्रत को रखें, तो परिवार में शांति-प्रेम का वातावरण उत्पन्न होता है। इस व्रत में हरे रंगे की प्रधानता होती है। उपवास करने वाले केवल एक वक्त दोपहर में भोजन करते हैं। वैसे राहु और केतु की शांति के लिए भी इस दिन व्रत करने की सलाह दी जाती है।

बृहस्पतिवार: यह दिन भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति की आराधना के लिए रखा गया है। इस दिन पीले रंग की प्रधानता शुभ होती है। इसमें बेसन के व्यंजनों का सेवन किया जाता है। केले के पेड़ को गुरु बृहस्पति का प्रतीक मानकर उनकी पूजा की जाती है। इस दिन पीली वस्तुओं जैसे दाल आदि का दान भी किया जाता है।

शुक्रवार: यह दिन मां वैभव लक्ष्मी, संतोषी माता और दैत्यगुरु शुक्र की उपासना के लिए निर्धारित है। इस दिन सफेद रंग विशेष शुभ फलदायी माना जाता है। भोजन केवल एक समय किया जाता है। इसमें भी खीर और मिष्ठान्न की प्रधानता होती है।

शनिवार: इस दिन सूर्यपुत्र शनिदेव और हनुमान जी, दोनों की ही पूजा की जाती है। इस दिन काला रंग विशेष फलदायी होता है। साबुत उड़द, काले तिल, सरसों के तेल, लोहा आदि दान करना शनिदेव को प्रसन्न करता है। इस दिन पीपल की भी पूजा की जाती है। इससे शनि देव की कृपा हम पर बनी रहती है।

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