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बलवान सुर्या को बनाये( Make Strong Sun)


जातक की कुंडली में नौ ग्रह अपना शुभ व अशुभ फल प्रदान करते हैं। मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक उसके संपूर्ण जीवन में ग्रहों का प्रभाव रहता है। यदि ग्रहों का शुभ प्रभाव मिले, तो जातक लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ता रहता है। पर अगर ग्रहों का अशुभ प्रभाव जातक पर हो जाए, तो जातक का जीवन परेशानियों से घिर जाता है।

ऐसा ही ग्रह है सूर्य। अगर सूर्य जातक की कुंडली में अशुभ स्थान पर हो, तो जातक को पितृ सुख में कमी, राजदंड, अपमान, पित्तविकार, नौकरी में बाधा, दांपत्य जीवन में कलह, हृदय रोग, नेत्र रोग आदि से जूझना पड़ता है

इसलिए किसी अच्छे ज्योतिष से विचार-विमर्श के दौरान सूर्य की कुंडली में स्थिति भी देख लेनी चाहिए। अगर सूर्य मजबूत स्थान में हों, तो जातक को जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। इनकी कृपा से व्यक्ति को यश भी मिलता है और कार्य क्षेत्र में सफलता भी मिल जाती है। पर यदि सूर्य मजबूत स्थान में नहीं है, तो वह कुछ सरल उपायों को अपना सकते हैं।
  • जातकों के लिए सबसे सरल उपाय है, लगातार 108 रविवार को सूर्य को जल देना।
  • रविवार को गेहूं, गुड़, तांबा, लाल वस्त्र, रक्त चंदन, माणिक्य, सोना आदि का दान करने से भी सूर्य की कृपा मिलती है।
  • अगर जातक प्रतिदिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करे, तो भी सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
  • अगर संभव हो, तो हर रविवार को गाय को गुड़ अवश्य खिलाएं। पर ध्यान रखें कि गाय भी लाल रंग की हो, इससे और अधिक लाभ होगा। रविवार के दिन व्रत भी रख सकते हैं और सूर्य यंत्र का पूजन भी लाभदायक हो सकता है।
  • इसी तरह बहते पानी में तांबे का सिक्का प्रवाहित करना चाहिए। अगर जातक विष्णु भगवान का पूजन करें या हरिवंश पुराण का श्रवण करे, तो उन्हें लाभ होता है। सूर्य का रत्न माणिक्य माना जाता है, जिसे ज्योतिष शास्त्री की सलाह पर धारण भी किया जा सकता है।

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