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भगवान शिव की उपासना

भगवान शिव को अपने-अपने तरीके से प्रसन्न करने के प्रयास में लगे रहते हैं। पर भगवान उन्हीं भक्तों पर कृपा बरसाते हैं, जिनका प्रयास धर्म सम्मत होता है। ऐसे में अगर आप भगवान शिव की पूजा में ज्यादा समय नहीं दे सकते हैं, तो प्रतिदिन सिर्फ एक लोटा जल उन्हें अर्पित करना ही काफी होता है। साथ ही अगर शिव पंचाक्षरी मंत्र का जप किया जाए, तो भक्त का आत्मबल भी बढ़ता है और भोलेनाथ की कृपा भी मिलती है। ठीक इसी प्रकार यदि भक्त प्रतिदिन "ॐ नम: शिवाय" मंत्र का रुद्राक्ष की एक माला से जप करते हैं, तो यह भी उनके लिए लाभप्रद होगा। अगर आप अपने मार्ग में नियमित आने वाली बाधाओं से परेशान हैं, तो पूरे मास तक प्रतिदिन एक माला महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से लाभ होगा।

जन्मपत्री के अनुसार अगर चंद्रमा क्षीण हो या पाप प्रभाव में हो या राहु, केतु कष्ट दे रहे हों, तो भगवान शिव की उपासना या अभिषेक करने से सभी दोषों व पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस मास में अगर भक्त को लक्ष्मी की कामना हो, तो बेल पत्र से शिव की पूजा करना लाभप्रद रहेगा। इसी प्रकार शांति की कामना कर रहे भक्त दूर्वा अवश्य अर्पित करें। दीर्घायु के लिए भगवान शिव की पूजा में सफेद चंपा के फूल अवश्य प्रयोग में लाएं। जबकि चमेली के फूल देवाधिदेव पर अर्पित करने से भक्तों को सद्बुद्धि मिलती है। संतानहीन दंपत्ति अगर कनेरी के फूल भोले शंकर पर चढ़ाएं, तो उनकी कामना पूर्ण होती है।

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