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धन की सही दिशा वास्तु मे (Place for Wealth)


वास्तु शास्त्र में भी दिशाओं को काफी महत्व दिया गया है। वैसे अगर बात धन रखने की हो, तो पूर्व एवं उत्तर दिशा सही मानी जाती है, पर दूसरी दिशाओं में भी धन के अलग स्वरूप का महत्व वास्तु शास्त्र में बताया गया है। 
उत्तर दिशा को कुबेर का वास माना जाता है। नगद धन, बहुमूल्य वस्तुएं, आभूषण आदि दक्षिण या पश्चिम दीवार के सहारे इस प्रकार रखें कि अलमारी उत्तर या पूर्व की ओर खुले। इससे धन में बढ़ोत्तरी होती है। साथ ही यह ध्यान रखना चाहिए कि अलमारी जिस कमरे में रखी गई है, उसका रंग हल्का क्रीम हो तथा अलमारी पर किसी भी तरह की भारी चीज या ब्रीफकेस नहीं रखना चाहिए।

पूर्व दिशा का स्वामी सूर्य होता है। इसलिए इस दिशा में तिजोरी रखना शुभ माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर दक्षिण-पूर्व यानी आग्नेय कोण में धन रखा जाए, तो बेवजह के खर्च में वृद्धि हो जाती है। कई बार तो कर्ज लेने तक की नौबत आ जाती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा का स्वामी मंगल होता है और यदि इस दिशा में धन रखा जाए, तो धन न तो आता है और न ही जाता है। यानी आपकी पूंजी उतनी ही रह जाती है, जितनी आपने रखी थी। वहीं अगर दक्षिण-पश्चिम दिशा में मेहनत से कमाया हुआ धन रखा जाए, तो वह टिकता नहीं है। इस दिशा के स्वामी राहु-केतु हैं और ये गलत ढंग से कमाए गए धन को प्रश्रय देते हैं।

घर में पश्चिम दिशा का स्वामी शनि को माना जाता है। अगर घर का मुखिया अपने सहयोगियों की सहायता से धन कमाए और पश्चिम दिशा में रखे, तो लाभ होता है। जबकि खुद कमाई गई पूंजी को यह स्थान देने से धन नहीं टिकता है। वहीं अगर उत्तर-पश्चिम यानी वायव्य कोण में धन रखा जाए, तो पूरा बजट असंतुलित हो जाता है।

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