Education in Birth Chart
शिक्षा के सुन्दर योग कैसे बनते है?
जन्म कुंडली में विद्या प्राप्ति के अलग-अलग योग होते हैं। यह जातक की कुंडली पर निर्भर करता है कि वह किस तरह से विद्या पाएगा और यह विद्या उसे कहां तक ले जाएगी। किसी भी कुंडली में विद्या का विचार चतुर्थ भाव से और बुद्धि का पंचम भाव लिया जाता है। दशम भाव में विद्या द्वारा यश का विचार होता है। बुध और शुक्र की स्थिति से विद्वता, कल्पना शक्ति और गुरु से विद्या से होने वाली प्रगति का विचार किया जाता है। यदि चतुर्थ भाव का स्वामी लग्न में और लग्न का स्वामी चतुर्थ भाव में और बुध लग्न में हो और पाप ग्रह की दृष्टि न हो, तो जातक यशस्वी और विद्वान होता है।
अगर कुंडली में बुध एवं गुरु की युति दशम भाव में हो, तो जातक को लेखन के क्षेत्र में ऊंचाइयां हासिल होती हैं। पर अगर लग्नेश नीच अथवा पापयुक्त हो, तो जातक कुशाग्र बुद्धि का नहीं होता है।
बुध और शुक्र की युति हो, तो जातक संगीतज्ञ या कवि होता है। पर मंगल एवं शुक्र की युति जातक को पहलवानी के क्षेत्र की ओर अग्रसर करती है।
अगर कुंडली में सूर्य और मंगल की दशम भाव में युति हो, तो जातक को मेडिकल के क्षेत्र में कामयाबी हासिल होती है। वैसे मंगल, चंद्रमा और शनि का संबंध भी जातक को डॉक्टर बनाता है। द्वादश दशम भाव में सूर्य के साथ हो, तो भी जातक के डॉक्टर बनने के योग प्रबल हो जाते हैं।
वहीं अगर बुध का संबंध द्वितीया, पंचम या दशम भाव में हो, तो जातक अध्यापन कार्य करके अपना जीवन चलाता है। इसी प्रकार अगर गुरु और बुध एकादश भाव में हों, तो जातक के शिक्षक बनने के योग प्रबल हो जाते हैं। बुध के दशम भाव में या सप्तम भाव में होने पर भी जातक को अध्यापन कार्य में सफलता मिलती है।
अगर कुंडली में मंगल और राहु की युति हो, तो जातक को इंजीनियर बनने का सौभाग्य प्राप्त होता है। इसी तरह बुध, शुक्र और मंगल का संबंध भी जातक को इंजीनियर बनाता है। वहीं सूर्य और चंद्रमा की युति पर शनि की दृष्टि होने पर भी जातक इंजीनियर बनता है।
अगर जातक की कुंडली में बुध लग्न या 12वें भाव में हो, तो जातक के वकालत के पेशे में जाने के योग होते हैं। वहीं शनि का संबंध दशम भाव में हो, तो भी जातक वकील बनता है।
अगर जातक की कुंडली में तुला राशि हो और शुक्र बलवान हो, तो जातक फिल्म क्षेत्र में नाम कमाता है। इसी तरह शुक्र के स्वराशि में होकर केंद्र या त्रिकोण में होने पर भी जातक अभिनेता बनता है। इसी प्रकार बुध एवं शुक्र लग्नेश से संबंध बनाए, तो भी जातक अभिनेता बनता है।
अगर जातक की कुंडली में बृहस्पति बलवान हो या फिर बुध स्वराशि या बृहस्पति केंद्र या त्रिकोण में हो, तो जातक को पत्रकारिता के क्षेत्र में सफलता मिलती है।
कुंडली में दशम भाव में मंगल उच्च राशि का हो, तो जातक उच्चाधिकारी बनता है, जबकि दशम भाव में सूर्य या गुरु उच्च राशि, स्वराशि या मित्र राशि का हो, तो जातक ऊंचे पद पर आसीन होता है।
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