Plants are our Friends and Attracts Wealth
पेड़-पौधों का मानव जीवन में आध्यात्मकि एवं वैज्ञानिक रूप में काफी अधिक महत्व है। यह भी सच है कि इनके बिना धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। इनकी उपस्थिति हमारे आसपास के जीवन को सकारात्मक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्राचीन धर्मग्रंथों व शास्त्रों में वृक्षों की उपयोगिता व महत्व के बारे में वर्णन किया गया है।
शास्त्रों के अनुसार घर की पूर्व दिशा में बरगद, ईशान में आंवला, उत्तर में पाकड़, वायव्य में बेल, पश्चिम में पीपल, नैऋत्य में इमली, दक्षिण में गूलर व आग्नेय में अनार के पेड़ शुभ माने गए हैं। वही दक्षिण में पाकड़, पश्चिम में बरगद, उत्तर में गूलर और पूर्व में पीपल अशुभ माने गए हैं।
घर के भीतर तुलसी, बेला, गुलाब, चंपा, चमेली, बारहमासी आदि पौधे शुभ माने गए हैं। जबकि घर के आसपास नीम, अशोक, नागकेशर, कटहल, शालपर्णी आदि के वृक्ष शुभ माने गए हैं।
घर के मध्य आंगन में तुलसी का पौधा रोपना अत्यंत शुभ माना गया है। इसके अलावा घर में जहां वास्तु दोष हो, वहां से अधिक से अधिक तुलसी के पौधे रोपने से लाभ मिलता है। इसी प्रकार अगर अशुभ पौधों को हटाना संभव नहीं है, तो उनके आसपास तुलसी को रोपना सही रहेगा। पर तुलसी के पौधे को भूलकर भी दक्षिण दिशा में न रोपें।
घर के अंदर कभी भी कांटेदार व दूध वाले पौधे जैसे नींबू, कैक्टस, देसी कनेर, मदार आदि न लगाएं। पर मुख्यद्वार के ठीक बगल में मदार अत्यंत शुभ व सुरक्षात्मक माना गया है।
घर के भीतर लताओं वाले पौधे भी लगाए जा सकते हैं, जिनमें मनीप्लांट धनदायक व दांपत्य सुख प्रदायक माना गया है।
शास्त्रों के अनुसार घर के समीप दूध वाले वृक्ष धन की हानि कराते हैं, जबकि फल वाले पौधे अगर घर के समीप हों, तो संतान की हानि होती है। इसलिए ऐसे वृक्षों या पौधों को हटाकर उनकी जगह कटहल, शमी, अशोके पौधे लगाना उचित रहेगा। इससे अशुभ प्रभाव नष्ट हो जाता है।
घर में अगर अनार, केला, बेर व नींबू के पौधे हों, तो घर के विकास में बाधा आती है।
घर के पूर्व, उत्तर, पश्चिम या ईशान में बगीचा बनाना शुभ माना गया है, जबकि आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य व वायव्य में बगीचा अशुभ है।
शास्त्रों के अनुसार औषधियों व यज्ञ में प्रयोग होने वाली समिधा वाले पेड़-पौधे सुदंर, चिकने व लताओं वाले वृक्षों से युक्त घर में लक्ष्मी स्थायी रूप से निवास करती है।
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