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शास्त्रों में वर्णित है कि पीपल के पेड़ के नीचे किसी दिन विशेष को दीपक जलाने से जातक को लाभ होता है। यदि आप भी पीपल के नीचे दीपक जलाना चाहते हैं, तो याद रखें कि हमेशा प्रदोष काल के बाद यह कार्य करें। पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाया जाता है, जिसका उद्देश्य शनिदेव को प्रसन्न करना होता है। शनि सूर्य पुत्र हैं और पिता-पुत्र की आपस में बनती नहीं है। इसलिए पीपल के नीचे दीपक हमेशा तेल का और सूर्यास्त के बाद जलाना चाहिए। साल में एक दिन मकर संक्रांति के दिन पीपल के नीचे दिन में दीया जलाया जा सकता है क्योंकि इस दिन पिता-पुत्र का मिलन होता है। यह भी माना जाता है कि पीपल के वृक्ष में शनि का स्थायी निवास होता है। लिहाजा इसके नीचे दीया जलाने से जातक को इनकी कृपा मिलती है। शनि के विषय में श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि “तीन सर्वप्रमुख शक्तियों में भाग्य का महत्व सबसे अधिक है। इस पर शनि का शासन होता है”। इसलिए इनके निमित्त पूजा करने का भी विधान है।
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