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Kaal Sarp Yoga: God of Cricket Sachin Tendulkar




कालसर्प योग से डर लगता है – कितना प्रमाणिक!
कालसर्प योगा का नाम सुनने ही मुझे तो डर लगने लगता है क्या आपको नही लगता डर। इसका मतलब होता है दुर्घटना, अपयश, बीमारी, नुकसान आदि आदि दुखः। हमारे पुज्य ब्रह्माणो ने यही छवि रखी है इस योग की और इसकी नसले भी ना जाने कहाँ कहाँ से ढुढकर लाये है। ऐसा बताया जाता है यह योग 1000 प्रकार का होता है। 

आपको यह जानकार हेरानी होगी कि क्रिकट के दुनिया के भगवान सचिन की जन्म कुंडली मे भी यही योग मौजूद है। इसके साथ यह योग कपिल देव, मोहम्मद अजहरुद्दीन, शाहिद आफरीदी, लिएंडर पेस की जन्म कुंडली मे मौजूद है। इन सबके नाम सुनकर तो यह लगता है कि यह योग ऐसे ही बडे आदमी की कुंडली मे बनता है तो ज्योतिषी यह सब बोलकर क्यो डरा देते है कि इसकी शांति करानी है। मेरे सामने तो बहुत ही बडा प्रशन है क्या आपको नही लगता। 


इसी योग के चलते ही सचिन जी क्रिकेट के भगवान बन गये है और उन्होने सेंचुरी की सेंचुरी बना दी है जो अभी तक कोई नही कर पाया है। कही गये सारे ज्योतिषीयो, सचिन जी के योग की शांति नही करानी है आपको? 

सच मे तो यह बात उन लोगों के लिए सुखद है जिन्होने ढपोरशंख ज्योतिषीयो के फेर मे पडकर जिन्दगी को इतना खोफनाक बना लिया है कि कालसर्प योग के नाम पर उन्हे अपनी परछाई से भी डर लगने लगा है। जबकि ज्योतिष के अनुसार केवल यही योग ऐसा है जो किसी व्यक्ति को कुछ ही मे राजा बना सकता है। यह सत्य है कि यह योग मेहनत बहुत करता है तो उपलब्धि भी वैसी ही दिलाता है। बस इसी कारण ज्योतिषी इसकी शांति करते है कि आदमी को मेहनत ना करनी पडे और उसको मिल बहुत जाये। अब आप ही बताये नाम, अपार धन पाने के लिए थोडी मेहनत हो भी जाये तो क्या बुराई। योग की शंति होने से मेहनत भी आदमी कम ही करेंगा और फल तो कम अपने आप ही मिलना है जब मेहनत होगी ही नही। 

सचिन की कुंडली मे जन्म लग्न तुला राशि और चन्द्र धनु राशि है। सारे ग्रह राहु और केतु के बीच मे है। कालसर्प योग की मौजुदगी मे मंगल ग्रह का रुचक योग बना रहा है। इस योग का जातक प्रसिद्धि, साहसी और शत्रु को परास्त करने वाला होता है। इसके अलावा सचिन की कुंडली मे परिजात योग भी बन रहा है। यही सब योग के कारण आज सचिन क्रिकेट प्रभु के नाम से विख्यात है। सचिन का चन्द्र्मा भी राहु से पीडित है इसी कारण उनकी कप्तानी मे दम नही नजर आता। चन्द्र्मा की महादशा मे राहु के अंतर पर उनको अपनी कप्तनी छोडनी पडी थी। 

मजे की बात यह है कि काल सर्प योग दो क्षमताए रखता है एक तो राजा को रंक बनाने की दुसरा रंक को राजा बनाने की। तो जो रंक है उन्हें डरने की क्या जरुरत। उन लोगों को तो केवल मेहनत करने के जरुरत है पता नही कब वो भी राजा बन जाये। हाँ राजा जैसे लोगों को सावधान रहने की और शांति करने की आवश्यकत पड सकती है। ज्योतिषीयो का क्या है इस योग के नाम पर मोटा मोटा पैसा ले रहे है और अपने बच्चे पाल रहे है। म्रेरा तो यह मानना है कि इस योग से डरने की कोई आवश्यकता नही है। भारत देश की कुंड्ली मे भी काल सर्प योग है। राहु केतु बहुत ही रहस्यमयी ग्रह है इनका पता नही कब क्या करे। कलियुग तो युग ही राहु और केतु का है।

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