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Kill Your Enemy with Bagalamukhi Tantra


महारुद्र की महाशक्ति ब्रह्मास्त्र का भी स्तंभन करने वाली मां बगलामुखी देवी दस महाविद्याओं में एक हैं। इन्हें भ्रामरी, स्तंभिनी, क्षोभिणी, मोहिनी, संहारिणी, द्रोमिणी, जृंभिणी रौद्ररूपिणी, पीतांबरा व त्रिनेत्री देवी भी कहा जाता है। इन्हें पीत वर्ण अतिप्रिय है, इसलिए इनका नाम पीतांबरा पड़ा। महादेवी स्तंभन शक्ति की अधिष्ठात्री हैं। अपनी उपासना करने वाले उपासकों के ज्ञात-अज्ञात शत्रुओं तथा उनकी कुचेष्टाओं को मां तुरंत स्तंभित कर देती हैं। शास्त्रों में शत्रुओं, परेशानियों से मुक्ति वाद-विवाद, लंबित मुकदमों में विजय तथा असाध्य कष्टों, रोगों के निवाराणार्थ मां बगलामुखी साधना का विधान वर्णित है। तंत्र शास्त्र में भी बगलामुखी साधना के अनेक प्रयोग प्राप्त होते हैं। जो अत्यंत प्रभावी हैं। मां की साधना भोग तथा मोक्ष दोनों की प्राप्ति के लिए की जाती है।


पूजन सामग्री
हल्दी की माला, पीले कनेर के पुष्प, पीली बर्फी, पीला फल, पीला आसन, पीला अक्षत, पीला वस्त्र, हल्दी, गोघृत, धूप-दीप, गंध।

पूजन विधान
प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में स्नानादि से निवृत्त होकर पूर्वाभिमुख पीले कंबल के आसन पर बैठें। अब चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवती बगलामुखी की तस्वीर स्थापित करके दीप प्रज्वलित कर पवित्रीकरण करके पीली हल्दी, अक्षत, पुष्प हाथ में लेकर पूजन का संकल्प लेना चाहिए। तत्पश्चात गणेश-अंबिका, षोड्शमातृका, नवग्रह पूजन के पश्चात मां बगलामुखी का ध्यान आवाह्न कर पूजन करना चाहिए।

ध्यान मंत्र
नमस्ते बगलामुखी देवी जिव्हा स्तंभन कारिणीम्। भजेsहं शत्रुनाशार्थ मदिरा सक्त मानसम्।
तत्पश्चात मूल मंत्र का जप करके धूप-दीप आरती करके मां से ज्ञात-अज्ञात शत्रुओं, कष्टों, विपदाओं हेतु मुक्ति की प्रार्थना करें।

मंत्र
ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हां कीलय कीलय बुद्धिं नाशय-नाशय ह्रीं ऊं स्वाहा।

तंत्र शास्त्रों में रात के 12 बजे के बाद पश्चिमाभिमुख बैठकर जप करने का विधान वर्णित है। इस मंत्र का विधिवत एक लाख जप करके दूध मिश्रित चावल से हवन करने पर धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है। बगलामुखी देवी के उपरोक्त मंत्र का चार लाख जप करके तिल व गुग्गुल द्वारा दशांश हवन करने से जेल यातना से मुक्ति मिलती है। सवा लाख बार बगलामुखी मंत्र का जप करके दूब, घी, शहद, शक्कर, गुरुच तथा धान के लावे द्वारा हवन करने से असाध्य कष्ट से छुटकारा मिलता है। रात्रिकाल में 12 बजे के बाद 10,000 जप करके पीली सरसों, कनेर पुष्प, हरताल, लवण, घी, शहद, शक्कर द्वारा हवन करने से शत्रु परास्त होते हैं।

मां बगलामुखी का नियमित पूजन करने से भक्त को न केवल भय से मुक्ति मिल जाती है बल्कि उन्हें मोक्ष भी मिलता है। तंत्र शास्त्र में देवी के इस स्वरूप का विशेष महत्व है। 

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