Joints of Fingers
हस्तरेखा शास्त्र में अंगुलियों के जोड़ों के
अध्ययन का बहुत महत्व है। अंगुलियों के विभिन्न खंडों के बीच की सीमाओं को
अंगुलियों के जोड़ों के रूप में जाना जाता है और यह चरित्र और मनोदशा के लक्षण को
भी दर्शाता है। यदि हाथ में समतल जोड़ हों, तो व्यक्ति किसी विषय पर बहुत अधिक नहीं सोचता
और प्रायः काफी हद तक निष्कर्ष पर पहुंच जाता है। वर्गाकार हाथ और समतल जोड़ों की
स्थिति में, व्यक्ति किसी विषय पर बहुत थोड़ा सोचता है, लेकिन थोड़ा सोचने के बाद वह निष्कर्ष की ओर
बढ़ जाता है। नुकीली अंगुलियों पर समतल जोड़ का अर्थ है कि व्यक्ति विशुद्ध रूप से
अपनी सूझ-बूझ के द्वारा ही कार्य करता है। ऐसे लोग अपने रूप-रंग और अपने पहनावे के
प्रति लापरवाह होते हैं और कदाचित ही छोटी-छोटी बातों के लिए चिंतित होते हैं। वही
विकसित जोड़ों वाले व्यक्ति परिश्रमी, बुद्धिमान, सतर्क, और समझदार होते हैं। समतल जोड़ों वाले लोग
प्रायः कठोर शारीरिक श्रम करते हैं, जबकि गांठदार या विकसित जोड़ों वाले लोग मानसिक
श्रम करते हैं। गांठदार जोड़ कभी-कभी परिवार में वंशानुगत होते हैं, जबकि कई अवसरों पर
यह परिवार में प्रमुखता से किसी एक बच्चे में विशिष्ट रूप से देखा जा सकता है।
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