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Shani Mantra

शनिवार यानी शनि भगवान का दिन। शास्त्रों में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या को लेकर कई बातें कही गई हैं, जिनसे ज्यादातर लोग आक्रांत ही रहते हैं। पर सच यह है कि परिश्रम करने वाले और ईमानदारी से जीवन व्यतीत करने वाले लोगों से शनि देव खुश रहते हैं। इसी के साथ ही हनुमान जी की भक्ति करने वाले लोगों को भी इनकी कृपा मिलती है। पर अगर कोई व्यक्ति शिव जी का भक्त हो, तो वह भी शनि देव का कृपापात्र हो जाता है। असल में भगवान शिव शनि के गुरु हैं और पुराणों में इस बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। 

ॐ सूर्य पुत्रो दीर्घ विशालाक्षः शिवप्रियः। 
मंदाचारा प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु मे शनिः। 

ब्रह्मनंद पुराण में वर्णित इस स्तोत्र का जप प्रतिदिन करने वाले भक्तों को शिव कृपा प्राप्त होती है और भक्त शनि देव की पीड़ा से भी मुक्त हो जाते हैं। शनि को तीन नक्षत्रों पुष्य, अनुराधा और उत्तर भाद्रपद का भगवान माना जाता है। इसी प्रकार श्री शनि महात्म्य का भी पाठन करने से भी शनि देवता की कृपा मिलती है। वहीं एक और महत्वपूर्ण मंत्र ॐ शं शनैश्चराय नमः का भी जप प्रतिदिन निश्चित संख्या में करने पर भक्तों को इनकी कृपा मिलती रहती है।

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