आप सभी जानते हैं कि सौन्दर्य का हमारे जीवन में
क्या स्थान हैं। सौन्दर्य जीवन की एक श्रेष्ठत्म निधि हैं। सौन्दर्य नहीं तो जीवन
में कुछ भी नहीं और ऐसा हो ही नहीं सकता कि जहाँ सौन्दर्य का जिक्र हो और अप्सराओं
और यक्षिणीयों का नाम ना आयें। सच में अप्सरा सौन्दर्य साधना सहज और थोडी सी श्रम
साध्य जरुर हैं लेकिन 101% सुरक्षित और पूर्ण फल देनी वाली साधना हैं। कई बार देखने में आता हैं कि यह
साधना एक बार में साधना सफल नहीं होती तो दोबारा प्रयास करना चाहिए। हार नहीं
माननी चाहिए। ऐसा किसी भी साधना में हो सकता हैं यह साधक अच्छी तरह जानते हैं। अप्सरा
साधना से क्या होता हैं यह भी साधक अच्छी तरह जानते हैं और सभी साधना करने भी
चाहते हैं, लेकिन साधना के सभी पहलू गोपनीय हैं और सभी को नहीं बताये जा सकते हैं।
यह कारण है कि इस साधना के सभी पहलू एक व्यक्ति या गुरु से मिलने कठिन हो जाते हैं
और जो साधना के सभी पहलू जानते हैं या तो बताते नहीं है या वो सब कहीं ना कहीं
लुप्त हो जाते हैं। सच्चा साधक साधना से कुछ नहीं चाहता जो मिलता हैं प्रभु या
ईष्ट का प्रसाद समझ रख लेता हैं। इसी भावना को रखते हुए यदि कोई भी साधना करी जाये
तो साधना कम समय में सफल होकर पूर्ण फल प्रादन करने में सक्षम होती हैं और साधक को
पूर्ण कर देती हैं।
जैसा कि हमे बार बार आप सभी साधको की ईमेल
प्राप्त होती रही हैं इस सौन्दर्य साधना पर कोई पुस्तक लिखी जाये। या कभी कभी आप
लोग पुछते हैं कि बाजार में ऐसी कोई पुस्तक हैं जो इन साधना का खुलासा कर सकें तो
हमारा जबाब अधिकत्तर नहीं में ही होता हैं क्योंकि ऐसी कोई पुस्तक अभी मौजुद नहीं।
यदा कदा किसी ग्रंथ में विवरण मिल भी जाये तो वहाँ कोई ना कोई पहलू गायब रहता कभी
तो मुद्रा कभी न्यास आदि नहीं होगें। कभी तो यंत्र का चित्र नहीं होगा और कभी मंत्र
अशुद्ध होगा। ऐसे में साधना कैसे पुरी हो तो कैसे हो? यह बहुत ही बडा प्रशन हैं। इंटरनेट
पर भी अभी तक ऐसा कोई लेख मौजुद नहीं हैं जो सारी की सारी जानकारी एक ही स्थान पर
उपलब्ध करा दें।
इस पुस्तक में हमने
इस साधना से जुडे सभी गोपनीय पहलू को आपके सामने रखने का प्रयास किया जिससें सौन्दर्य
में कोई कमी ना आयें और पूर्ण रुप से फलित हो सकें, ऐसा गुरु इच्छा से करने की
कोशिश करी गई हैं। इस पुस्तक में सभी पहलू को रख गया हैं जैसे कि यंत्र निर्माण,
यंत्र और माला की प्राण प्रतिष्ठा, प्रमाणित पुजा की विधियाँ, सौन्दर्य हवन की
सामग्री और विधि, न्यास, मुद्रा, रक्षा विधान, अप्सरा और यक्षिणीयों
कि पुजा में क्या अंतर हैं......
AWESOME WORK
ReplyDelete