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मेरी संतान कैसी हो?


जीवन के अनुभव तो आप सब ने भी प्राप्त किये होगें, बडे ही रोचक होते हैं जीवन के खट्टे मीट्टे अनुभव। कई बार कुछ ऐसा होता हैं जो हमें पसन्द नहीं कई बार कुछ ऐसा होता है जो हमें बहुत या बहुत ही अच्छा लगता। कारण आप सब जानते ही हैं। “कर्म प्राधन विश्व राचा जो जिस किन तस फल चाखा”। अब यह मत कहना कि कहवात गलत हैं, मेरे गुरु से तो मुझे यही प्राप्त हैं।

एक समस्या मेरे और आप सब के सामने बार बार आती हैं कि मन चाही संतान कैसे हो? जैसा कि आप न्यूज आदि में सुनते हो कि कन्या भुण्र हत्या लोग करते है और करवाते हैं। यह महापाप हैं ऐसा नहीं होना चाहिए। सरकार भी और हम सब भी इस मामले मे सख्त होने चाहिए। कभी सोचता हूँ कि वो कैसी माँ होती होगी जो एक बच्चे को तो छाती से लगाकर दुध पिलाती होगी और दुसरे छोटे से महमान को पेट मे ही मार देती हैं। कैसी ममता है? एक को सीने से लगया और एक को समसान पुहचाया?

अगर कोई भी बहन मेरे इसको पढे तो ऐसा मत करना बस इतनी गुजाराशि हैं आप सब बहनो सें। मनचाही संतान पैदा करने के कई रास्ते हैं। कोई कठोर नियम नहीं केवल कुछ बातों का ध्यान रखे तो सब सम्भव हैं। पर वो बाते क्या हैं यहाँ लिखना नहीं चाहता हूँ। परेशान होने कि जरुरत नहीं हैं चाहे किसी को पहला लडका हो या लडकी इस बात से क्या फर्क पडता हैं दुसरा बच्चा जैसा चाहते हो वैसा आराम से हो जायेगा।

पर दिक्कत इस बात की हैं कि किन नियम का पालन किया जाये। मेरे मन तो बहुत हैं कि मैं इन सब बातों को यहाँ लिख सकूँ पर यह ठीक नहीं? अगर आपकी भी ऐसी समस्या हैं तो आप सम्पर्क कर सकते हैं। मैं बहुत ही साधरण नियम बताउगाँ और आपका और सामाजिक बैलेंस भी ठीक रहेगा।

आखिर मैं फिर एक बात कहुगाँ कि भुण्र हत्या महापाप हैं यह मत करना। रास्ते बहुत हैं सिर्फ यह कि हम तलाश कर पाते हैं या नहीं।

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