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Don't Kill Me, I'm Your Friend!!



समय और विकास की आंधी ने क्या क्या बदल दिया यह कौन ब्यान कर सकता हैं! मोबाईल, एचडी टीवी, कारे, हाईटेक गेजेट्स सबके घरो की शान कब बन गये पता ही नहीं चला। लडकीयाँ कब साडीयों, सलवार और अपनी शर्म हया से बाहर  निकलकर मिनी, ब्रा-पेंटी मे मोडलिंग करने लगी पता ही नहीं चला, कितने फ्लाईओवर बन गये पता ही नहीं चला, सोना कब पांच हजार से तेतीस हजार पहुच गया पता ही नहीं चला, ऐसे लगता हैं जैसे सब कल ही की तो बात हैं। कब हाथी, घोडो, गाय, बैल का राशन पेट्रोल के रुप मे मोटरसाईकिल और कारों को पेट में चला गया इसका भी पता ही नहीं चला। सच पुछो तो हर जगह विकास ही विकास हो रहा हैं। यदि किसी का विकास रुका हैं तो वो हैं जानवरो और पछीयों का। इनका तो खाना-दाना भी छिन गया हैं। कोई एफ आई आर क्यों नहीं लिखता इन बेजुबानो के लिए? कोई कानून क्यों नहीं बनता इन बेजुबानो के लिए? हाँ बनते भी तो कैसे? भई ये तो चोरी भी नहीं कर सकते! कितना अच्छा होता यदि ये चोरी करते तो अपने लिए कम से कम एक टाईम का खाना तो चुरा ही लेते। अरे!, यह बेचारे भी बेरोजगार हो गये हैं हिन्दुस्तानी नागरिकों की तरह। दोनो ही अपने इच्छाए पुरी नहीं कर पाते। परेशानी बढती ही जा रही हैं।

पछीयों का तो इनसे भी बुरा हाल हैं। दुर दुर तक कोई दाना या पानी का स्त्रोत्र नजर नहीं आता। जो पछी इंसानो के आसपास रहते है वो भी धीरे धीरे समाप्त हो जा रहे हैं या हमारा देश छोडकर किसी और देश मे जा रहे हैं। हमारे यहाँ दान-पानी के स्त्रोत्र नहीं हैं इसलिए बेचारो को अपना देश छोडना पडता हैं। अब तो वैसे भी गर्मी आने को हैं इसलिए अब तो इन पछीयों को इंसानो की बस्ती छोडनी ही पडेगी। हम सब तो ऐ.सी. चला कर सो जायेगे लेकिन इन्हे ठंडक कहाँ से मिलेगी? हम तो समर वेकेशन मे सिवम पुल मे नहायेगे लेकिन इन्हे पानी की बुन्द कहाँ मिलेगी? अब इंसान के पास तो मरने के लिए भी समय नहीं हैं तो इन पछीयों को दाना कैसे डाल सकता हैं? खुदः पानी पीना होता हैं तो किसी से मंगाकर पीता हैं तो वो कैसे किसी को पानी पिला सकता हैं। आजकल सब तो डाक्टर, इंजीनीयर हो गये हैं नौकर तो कोई रहा ही नहीं। एक इंजीनीयर किसी पछी को दाना डाले पानी पिलाये यह कहाँ तक शोभनीय हैं!        

दुसरो की सेवा से अच्छा क्या हो सकता हैं? इसका अर्थ तो तभी समझा जा सकता हैं जब आपको स्वयँ सेवा की जरुरत हो। जैसे आपको भुखः लगी हो और कोई आपको खाना ना दे तो कैसे लगेगा? हाँ भाई तुम तो अपनी बीबी पर राशन लेकर चढ जाओगे लेकिन यह जानवर और पछी किस पर राशन लेकर चढ सकते हैं? किसी पर भी नहीं! बिल्कुल नहीं क्योंकि यह प्रवृति भी केवल इंसानो की ही हैं। ना जाने कितने ही पछी भुखे ही रहते है। कितने ही जानवर भुख के मारे इधर उधर घुमते रहते हैं। अजीब अजीब अवाजे निकालकर इंसान से खाने की मांग करते हैं लेकिन उसे कैसे सुनाई देता हैं उनका शोर! यदि कभी कभी सुनाता भी हैं तो कसाई की दुकान पर फिर क्या उसे मारकर खा जाता हैं इंसान।

अकारण और असमय ही मर और मारे जाते हैं यह बेजुबान जानवर क्योंकि इंसान स्वार्थी हैं। बिना किसी लाभ के कोई कार्य नहीं करता। बिना किसी उपाय के वो किसी को कुछ नहीं खिला सकता। हाँ यदि कोई पंडित बता दे तो सब कुछ कर सकता हैं और फिर तो अपनी माँ को भी दिन मे दस बार खाना खिला सकता हैं, नहीं उसके पास अपनी माँ के लिए भी समय नहीं हैं। अरे! इन जानवरो की दर्द भर आहें इसी वतावरण मे घुम रही हैं पछीयों के कल कल की अवाजें में छुपा दर्द भी यहीं घुम रहा हैं। यह किसी ना किसी को कष्ट पहुचाने वाला ही हैं। आखिर कभी ना कभी तो भगवान इन जानवरों की  भी सुनता ही होगा या हमेशा तुम्हारी ही सुनाता रहेगा। भगवान जी मुझे अच्छे नम्बर दे दो, मेरी शादी करा दो, मेरा प्रेमी दिला दो, क्या यही सबके लिए हैं भगवान!!! क्या जानवरो का कोई भगवान नहीं होता?   

यदि कोई आदमी किसी अवारा पशु को चारा खिला देता तो उसके जीवन मे बुध ग्रह से उत्तपन्न दोष स्वयँ ही समाप्त होने लगते हैं। जिससे कोई भी युवा अपने ट्रेक से नहीं भटकता। बुद्धि मजबूत रह सकती थी लेकिन हमें क्या करना अपनी बुध मजबूत करके। अवारा पशुओं को चारा खिलाने और पानी पिलाने से आपके अवारा बच्चे भी लाईन पर आ जायेगें। पछीयों को जौ या बाजरा खिलाने से आपके जीवन की दिक्कत अपने आप ही कम हो जाती है क्योंक़ि सबसे क्रुर ग्रह राहू ऐसा करने से उसे छोड देता हैं। यदि कोई मच्छीयो को दाना डालता है तो शनि जैसा क्रुर ग्रह भी शांत हो जाता हैं और जल्द ही मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं।

एक घोड़ो की सबसे बड़ी दुश्मन निकली यह घोडे की नाल। पता नहीं किसने बता दिया कि घोड़े की नाला लगा लो शनि शांत हो जाएगा, इसका छ्ल्ला पहन लो शनि शांत हो जायेगा। क्या लोजिक है इस बात में। शन्ति तो उस उपाय से मिल सकती हैं जिससे दुसरो को खुशी मिले। यहाँ तो घोड़े वाला, हर दुसरे दिन घोडो की नाला बदलवाने मे लगे रहते हैं। अरे शनि तो न्यायधीश हैं जितना दर्द घोडे की नाल निकालने मे घोडे को हुआ हैं उतना आपको और एक्सट्रा ही मिलेगा। पहला दुखः तो कम हुआ नहीं और उसमें ओर वृद्धि करने मे लगेगी हुए हैं। शनि का उपाय करना हैं तो मच्छीलों को दाना डालो ना। ऐसा उपाय करो ना जिससे दुसरो को भोजन मिले और आपको रहत मिलें। कौंवे को जलेबी खिलाये तो कोट कचहरी से राहत मिल जायेगी।

एक परेशान शादी शुदा लडकी से मिला तो कहा रही थी कि अभी तक संतान नहीं प्राप्त हुई। कहने लगी कि जन्मपत्रिका लाई हुँ। हमने कहा इसकी कोई जरुरत नहीं। हमने प्रशन किया कि क्या तुम अपनी सास के पैर छुती हो? उसने कहा हाँ कभी कभी। हमने कहा आपका चन्द्र राहू से पिडित हैं, इसमें कोई दोराय नहीं हैं। फिर हमनें कहा कि पछीयों को बाजरा डालो तो राहूँ शांत हो जाये इससे वो आपके चन्द्र को मुक्त कर देगा जिससे आपके सभी हारमोन सही सही बनने लगेगें और सास के आठ महीने तक पैर छुती रहो। ऐसा करने से चन्द्र को बल प्राप्त होगा। इसके साथ साथ कान मे हमेशा ही सोना पहने की सलाह दी और यदि हो सके तो घर मे चकौर सोने का टुकडा भी रखने को कहा।

गाय की सेवा करने से बहुत सारे देवता की कृपा अपने आप ही होने लगती हैं इसमें कोई भी शंश्य नहीं हैं तो गाय की सेवा का कोई अवसर ना छोडे। ऐसे और भी जानवर हैं आप जरा ध्यान तो दे जिनको आपकी जरुरत हैं। केतु से दुखी हो तो कुत्तो की सेवा कर लो केतु और कुत्ते में कोई अंतर नहीं हैं। कुत्ते प्रसन्न मतलब केतु ही प्रसन्न हो गया। अरे! केतु के बिना तो मोक्ष भी नहीं होता।

ना जाने कितने ही पशु और पछीयो को आपकी जरुरत हैं! अरे किसी जानवर की को सेवा करने की कोशिश करें फल तो आपको किसी ना किसी रुप मे मिल ही जायेगा इसमें किसी को दो राय नहीं होनी चाहिए।

इसके बाद भी जब इंसान का मन ना भरा तो इन्सान चल दिया जंगलो को गिराने जो इनके रहने का स्थान हैं। इन जानवरो के घरो को गिराकर अपने घर बनाने में लगा हैं इंसान। अब आप ही सोचो कि यह जानवर बेचारे जाये तो आखिर कहाँ जाये?
खुदा हाफिज

4 comments:

  1. This is a very great and very sad todays reality subject. thanks for saying honest words on this subject and publishing. Congrats guru ji.

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  2. it was one of the most meaningful article i ever read onto astrology websites or blog,,by the way panditji i want to ask one thing from you ,, if i put handful rice daily to pakshi ,, will it be giving benefit to rahu related problems like kalsarp ..

    though i was used to do it for many years but never thought that it could be a astro remedy :)

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  3. thank you very much for giving me such valuable information..

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  4. pranam guru ji

    mein ravindar dilli se

    kya guru ji pakshi ko dana dalne se jinko santan nahi unko santaan pratap ho jayegi
    2 kya santan nahi hone ka kaaran sirf rahu he hota hai kya ? santaan ka kaarak kuan sa grah hota hai ?
    3 kaan mein sona pehne se aur ghar mein sone ka chokor tukda rakhne se kya hoga

    batane ki kirpa kare

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