श्री शनि जी (Solution for Navgrah)
श्री शनि जी का नाम सुनकर हर कोई डर सा जाता हैं और अगर श्री शनि जी की साढ़े साती व ढैय्या की बात करते हैं तब तो लोगों का बुरा हाल हो जाता हैं।
वास्तव मे, श्री शनि जी किसी भी व्यकित को उतना ही कष्ट देते हैं जितना कम से कम जरुरी हो। श्री शनि जी जीवो को केवल दुख नहीं देते यदि आपके पुर्व कर्म अच्छे थे तो श्री शनि जी आपको बहुत ही शुभ परिणाम देते हैं। यह तो सब अपने कर्मो पर निर्भर करता है।
हम जब भी कोई बुरा काम करते हैं तब यह सोचते हैं कि कौन देख रहा हैं। सच मे तो सिर्फ श्री शनि जी ही देख रहे होते है और अपनी पुस्तक मे लिख भी रहे होते हैं। व्यकिती की मृत्यु देने के उपरांत यह लेखा जोखा श्री शनि जी यमराज को दे देते हैं और जब पुनः जन्म होता हैं तो यह लेखा जोखा वापस श्री शनि जी के पास होता हैं।
इन्ही अशुभ शुभ कर्मो का श्री शनि जी साढ़े साती व ढैय्या मे हिसाब करते हैं। मेरे भाई जब हम बुरे कर्म करते हुये नहीं डरते तो उनके फल भोग्ने से क्यों घबराते हैं। जब ज्योतिषी बताते है कि भाई आप पर श्री शनि जी साढ़े साती या ढैय्या या दशा चल रही हैं तो आदमी की फट सी जाती हैं। अरे बुरा किया तो क्या हो गया, काट लो, आगे बुरा मत करना। परन्तु व्यकिती तुरंत पुछता हैं कोई उपाय तो होगा, पंडित जी, चाहे कितना भी पैसा खर्च हो जाये पर उपाय करो। पंडित जी भी क्या करें माया किसे बुरी लगती हैं कुछ थोडा बहुत कर देते हैं।
मित्रो यहाँ समझने वाली बात यह हैं कि जब बुरा हमने किया तो कोई दुसरा कैसे ठीक कर सकता हैं। मानो मैने किसी का कत्ल कर दिया और सबको पता भी हैं, अब आप बताओ इसका दन्ड या माफी मेरे अलावा किसी और व्यकिती को क्यों मिलेगी। चलो मान लिया कि एक बार हो सकता हैं परंतु श्री शनि जी तो केवल इंसाफ ही करते हैं। शायद इस दुनिया मे तो न्यायधीश बिक सकते हैं लेकिन श्री शनि जी तो न्यायधीश के भी न्यायधीश हैं।
यहाँ मैं यही समझाने का प्रयास कर रहा हूं कि अपने बुरे कर्मो से बचने का अगर कोई उपाय हैं तो वो केवल प्रार्थना पश्चाताप है और यह प्रार्थना स्वयं ही श्री शनि जी से करें क्योंकि प्रार्थना करी जाती हैं ना कि दुसरो से करवायी जाती हैं। वो भी पैसे दे कर, यहाँ पैसा रिश्वत का काम करता हैं। श्री शनि जी जैसे न्यायधीश को अगर रिश्वत देने का प्रयास किया तो एक गुनाह और हो जायेगा।
इसका एक मात्र इलाज प्रार्थना पश्चाताप है। यहाँ मैं प्रार्थना का एक अचुक उपाय बताने जा रहा हूं जो कभी खाली नहीं जा सकता। श्री शनि जी को न्यायधीश मानकर की गई प्रार्थना कभी खाली नहीं जाती। यदि आपकी कुंडली में शनि अशुभ स्थान है या आप पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही है। आपको सफलता ही हाथ लगती नहीं है या सोचे गए कार्य देर से होते हैं। मृत्यु, कर्ज, मुकद्दमा, हानि, क्षति, पैर आदि की हड्डी, नौकरी पेशा लोगों को उन्नति ना होना, जितना भी कमा लें लेकिन उनके पास पैसा ठहरता नहीं है, दुकान अच्छी चलने के बाद भी फायदा नहीं दिखाई देता तथा सभी प्रकार के रोग से परेशान लोगों के लिए श्री शनि जी की पूजा बहुत फायदेमंद होती है।
दोस्तो एक बात जो यहाँ समझना बहुत जरुरी हैं वो यह हैं कि श्री शनि जी किसी व्यकिती को एकदम चोट कभी नहीं देते यह तो बहुत आराम से शैन-शैन चोट देते जो अंत मे देखने से यही लगता हैं कि यह तो हमारी गलती हैं इसमे श्री शनि जी का क्या कसूर हैं। मै यहाँ एक उदाहरण देता हूं जैसे मान लो कि आप एक व्यापार करते हैं और आपका व्यापार श्री शनि जी के प्रभाव मे आ गया तो आपको रोज़ थोडा थोडा नुकसान होना शुरु होगा जैसे आपको रोज का फायदा 500 रुपया होता था तो आपके फायदे मे से रोज़ 005 रुपया कम होना शुरु हो जायेगें। लगभग 1% लाभ रोज़ कम कर देगा। इस प्रकार धीरे-धीरे तीन सवा तीन महीने सारा लाभ खत्म हो जायेगा फिर इसके बाद मे हानि की ओर बढना शुरु हो जायेगा। अगर टोटल किया जाये तो 6-7 महीने मे, आप जितना पहले लाभ लिया करते थे अब उतना ही नुकसान ले रहे होगे। इस प्रकार बिजेनेस चोपट हो जायेगा। यह तरीका श्री शनि जी के बिजनेस मे नहीं अपनाते वो तो सभी काम इसी तरीके से करते हैं।
श्री शनि जी बुरा होने पर हर सोवे दिन के बाद बडी चोट देते हैं असल मे तो यह हमारे कर्मो का परिणाम होता हैं। दोस्तो श्री शनि जी नुकसान करके भी हमारा फयादा ही करते हैं क्योंकि दुखः मे इंसान मालिक को याद करता हैं इस प्रकार श्री शनि जी इंसान को मालिक की भक्ति से जोडते हैं।
दुख मे सुमिरन सब करें सुख मे करें ना कोई। सुख मे सुमिरन करे तो दुख कहाँ से होई।।
यह श्री शनि जी का नारा हैं। इन सब कष्टो को देकर श्री शनि जी मालिक से इंसान को जोडता हैं। जिस प्रकार एक सफेद कपडा मलिन हो जाये तो धोबी उसे धोने के लिये उस कपडे पर डंडे की बारिश करता हैं या फिर कपडे को बार बार ज़मीन पर पटकता है। अंत मे कपडा बिलकुल साफ हो जाता हैं। जिस प्रकार सुनार सोना गर्म कर उसमे चमक़ पैदा करता हैं ठीक उसी प्रकार श्री शनि जी भी करते हैं और हमारी आत्मा को चमका देते हैं हम नवीन वस्त्र की तरह हो जाते हैं। अब यह हमारे हाथ मे होता हैं कि हम उस वस्त्र को फिर गन्दा करें या नहीं।
कोरी चुनरिया आत्मा मोरी मैल हैं मायाजाल।
यह मायाजाल धोने का काम श्री शनि जी करते हैं। यहाँ एक बात समझने की हैं कि श्री शनि जी हर इंसान से 21 वर्षो मे एक बार तो पुनः हिसाब करने आते है। पुरी फाइल चेक करते हैं। युं तो समझाने को और हैं पर अब यह बकवास बंद कर श्री शनि जी को प्रसन्न करने के कुछ उपाय आपके सामने रख रहा हूं।
यह बात सदा याद रखे कि श्री शनि जी शराब पीने वाले और मांस खाने वाले से बहुत घृणा करते हैं। अकसर देखने मे आया हैं कि इंसान जब शराब पी ले चाहे थोडी सी ही क्यो ना हो या मांस खा ले इसके दो से छतीस घंटे मे श्री शनि जी दंड जरुरी देते हैं। परन्तु ऐसा केवल साढेसाती ढैया या दशा मे ही होता हैं। या यूं समझे कि पहले शराब या मांस खाने की परिस्थीति बनाते हैं और पीते-खाते ही अगला-पिछला दण्ड जरुरी देगे। यदि कोई शराब पीने की बजाय इसे दान करें या किसी नदी में बहा दे या किसी नोकर-मजदूर टाइप इंसान को दे दे तो अवश्य ही 80% फायदा होता हैं।
काले कपडे, पिलास्टिक की चप्पल, उडद, काले तिल आदि का सेवन करने की बजाय किसी जरुरतमन्द को, बुजर्ग को, पण्डित को दे दे। यह तो सब दान की बात हैं क्योकि दान करने से दुसरो को प्रसंनता मिलती हैं और इसी कारण कुछ पाप नष्ट हो जाते हैं। दान के साथ अगर दक्षिणा भी दी जाये तो आनन्द और बढ जाता हैं।
इसका शेष अगली बार जारी रहेगा..................
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